‘प्रकृति सहयोग फोरम’ ने भरा जुर्माना, मुख्य सजा पूरी कर चुके थे बंदी
कानपुर नगर, 14 जून 2025:
जिला कारागार, कानपुर नगर से शुक्रवार (13 जून) को 6 ऐसे कैदी रिहा किए गए, जो अपनी मुख्य सजा पूरी करने के बाद भी जुर्माना न चुका पाने के कारण जेल में बंद थे। स्वयंसेवी संस्था ‘प्रकृति सहयोग फोरम’ ने इनका जुर्माना भरकर उन्हें आज़ादी दिलाई।
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- क्यों फँसे थे कैदी?
ये सभी दोषी ठहराए गए बंदी अपनी मुख्य सजा पूरी कर चुके थे, लेकिन जुर्माना न भर पाने के कारण जेल में ही रुके हुए थे। इन पर कोई अन्य केस भी लंबित नहीं था। - संस्था ने कैसे किया सहयोग?
‘प्रकृति सहयोग फोरम’ ने इन छह बंदियों का जुर्माना सरकारी कोष में जमा कराया, जिसके बाद उन्हें तुरंत रिहा कर दिया गया। - कौन थे रिहा हुए कैदी?
- सौरभ मिश्रा (मैनपुरी): ₹4,000 जुर्माना
- पिंकू तिवारी (कानपुर): ₹1,500 जुर्माना
- सत्यम शर्मा (उन्नाव): ₹11,500 जुर्माना
- आशीष मिश्रा (कानपुर): ₹8,000 जुर्माना
- मिथुन बंजारा (औरैया): ₹1,500 जुर्माना
- रोहित गुप्ता (कानपुर): ₹2,000 जुर्माना
अधिकारियों ने क्या कहा?
जेल अधीक्षक डॉ. बी.डी. पाण्डेय ने बताया कि संस्था के प्रयासों से इन बंदियों को नया जीवन मिला है। उन्होंने कहा, “ऐसे मामलों में सामाजिक सहयोग जेलों में अतिरिक्त भीड़ कम करने में मददगार होता है।”
कौन लोग थे मौजूद?
रिहाई के वक्त संस्था की ओर से सैयद नजम (वकील), नवाज मोहम्मद सलीम (वकील), फैज खालिद समेत कई सदस्य और जेल अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय (जेलर), अरुण कुमार सिंह (डिप्टी जेलर) मौजूद रहे।