लखनऊ। मोहम्मद उस्मान कुरैशी। शिक्षा जगत के लिए यह गौरव का क्षण रहा जब माननीय कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक को उनके उल्लेखनीय एवं प्रेरणादायक योगदान के लिए “इंटरनेशनल अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस इन द फील्ड ऑफ एजुकेशन” से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान सामाजिक संस्था “प्रयत्न” एवं हिंद मेडिकल कॉलेज, लखनऊ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस “Wellness Con 2025” में प्रदान किया गया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!यह पुरस्कार प्रो. पाठक को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उनके अतुलनीय कार्यों और नवाचारपूर्ण शैक्षणिक दृष्टिकोण के लिए प्रदान किया गया। वे वर्तमान में Association of Indian Universities (AIU) के अध्यक्ष पद पर भी कार्यरत हैं और देश में उच्च शिक्षा को नई दिशा देने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
सम्मान समारोह के दौरान प्रो. पाठक को यह अवॉर्ड डा. विकास महात्मे (पद्मश्री सम्मानित एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य, नागपुर) तथा प्रो. अमोद कुमार सचान (अध्यक्ष, हिंद चैरिटेबल ट्रस्ट) द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। इस अवसर पर देश-विदेश के अनेक विशिष्ट शिक्षाविद्, शोधकर्ता, चिकित्सक एवं शिक्षा क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने प्रो. पाठक के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में हुए सकारात्मक परिवर्तनों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रो. पाठक के नेतृत्व में विश्वविद्यालयों में न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि अनुसंधान, नवाचार और छात्र विकास के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज की गई है।
समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों ने भी कुलपति जी को इस उपलब्धि पर बधाई दी। विश्वविद्यालय परिवार में यह सम्मान गर्व और प्रेरणा का विषय बना हुआ है। शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने कुलपति जी के सम्मान में अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुरस्कार न केवल प्रो. पाठक की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि सम्पूर्ण विश्वविद्यालय समुदाय की मेहनत और समर्पण का भी परिणाम है।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि यह सम्मान उनके लिए अत्यंत प्रेरणादायक है और वे इसे अपने विद्यार्थियों, सहकर्मियों एवं विश्वविद्यालय परिवार को समर्पित करते हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्टता की दिशा में कार्य करते रहने का संकल्प दोहराया।
यह उपलब्धि न केवल लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए, बल्कि पूरे देश के उच्च शिक्षा जगत के लिए गर्व का विषय है।