- लड़की भगाने पर प्रेमी की मां-चाचियों को न्यूड कर घुमाया
- कुशीनगर में पुलिस के सामने जमकर पीटा, कपड़ों में आग लगाई
- कुशीनगर पुलिस ने आरोपों को निराधार बताया
- घटना को लेकर इतनी ख़ामोशी क्यों ?
कुशीनगर: मुस्लिम महिलाओं को पूरे गांव में न्यूड करके घुमाया गया, सरकार खामोश है, मीडिया जगत में सन्नाटा पसरा है, राजनितिक पार्टियों को भी इस से कोई लगाव नहीं हैं. पुलिस मामले को नज़रंदाज़ कर रही है, प्राप्त सूचना अनुसार यह घटना 2 जनवरी 2024 की है जहाँ एक मुस्लिम युवक पर लड़की भगाने का आरोप लगा कर पयुवक की मां 60 वर्ष और उसकी दो चाचियों 40 वर्ष को नग्न करके पूरे गावं में घुमाया
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सूचना अनुसार पुलिस के सामने महिलाओं को जमकर मारा पीटा गया एवं कपड़ों में आग लगाई. इस सम्बन्ध में जब भारत समाचार ने कुशीनगर पुलिस को टैग कर X पे सवाल पूछा तो कुशी नगर पुलिस तमाम आरोपों को बेबुनियाद बता दिया हालाँकि कुशीनगर पुलिस को उत्तर देते हुए अन्य यूजर पुलिस की कार्रवाई पे गंभीर प्रश्न खड़े करते हैं.
कोई नहीं सुन रहा फरियाद
पीड़ित परिवार का कहना है कि यह पूरी घटना पुलिस के सामने अंजाम दी गई है किन्तु पुलिस उनकी सुनवाई नहीं हो रही है पुलिस किसी भारी दवाव यां मुस्लिम विरोधी मानसिकता स्वरुप मामले को दबा देना चाहती है, लोगो की मांग है कि मांग है कि इस घटना की घहन जाँच होनी चाहिए एवं अगर इस मामले में कुशीनगर पुलिस दोषी है तो पुलिस के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है तो पूरे समाज में अनारकी फ़ैल जाएगी.
घटना को लेकर इतनी ख़ामोशी क्यों ?
कुछ दिनों पहले जब इसी तरह की घटना मणिपुर में हुई थी तो पूरे देश में इस के खिलाफ आक्रोश देखा गया था. देश की मीडिया और सियासी गलियारों में उक्त घटना को लेकर काफी नाराजगी थी किन्तु कुशीनगर के घटना क्रम में मीडिया संस्थाओं के साथ साथ राजनितिक पार्टियों में भी कोई गुस्सा नहीं दिख रहा है. जिससे इस बात को बल मिलता है कि देश में मुसलमानों से सम्बंधित मुद्दे चर्चा का विषय नहीं बनते.
क्या मुस्लिम होना जुर्म है?
फिल्हाल यह कहना कि भारत में मुसलमान होना जुर्म है ठीक नहीं है अलबत्ता संसाधन मुक्त मुसलमान होना अवश्य जुर्म है, अगर भारत की तथाकथित धर्मनिरपेक्ष रानीतिक दलों ने न्याय और संविधान से मुंह मोड़ लिया है तो मुसलमानों को अपनी राजनितिक लीडरशिप बनाना चाहिए, देश का में मैं स्ट्रीम मिमीडिया मुसलमानों की बात नहीं करता है तो अपना खुद का मीडिया हाउस कायम करना चाहिए, भले ही इस कि शुरुआत छोटे पैमाने पर ही क्यों न हो, इस सिम्त में न्यूज़G24 ने अभी से परियास शुरू कर दिया जो बिना धार्मिक भेदभाव के देश के सभी वर्गों की आवाज़ उठाता है.