भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार (28 दिसंबर, 2024) को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की स्मृति में स्मारक बनाने का निर्णय शुक्रवार को ही लिया गया था और कांग्रेस नेतृत्व को इसकी जानकारी दे दी गई थी, इसके बावजूद कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मीडिया से बात करते हुए भाजपा प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि “भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार देश के आर्थिक विकास की बड़ी नींव रखने वाले मनमोहन सिंह को उचित सम्मान देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी के मद्देनजर कल कैबिनेट ने अपनी बैठक में फैसला लिया कि मनमोहन सिंह की याद में एक स्मारक और समाधि बनाई जाएगी और यह बात कांग्रेस पार्टी को बता दी गई है।”
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को यही बात बताई थी कि सरकार ने स्मारक बनाने का फैसला किया है और भूमि अधिग्रहण, ट्रस्ट के गठन और भूमि हस्तांतरण जैसी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद जो भी समय लगेगा, काम उचित तरीके से और जल्द से जल्द किया जाएगा।
कांग्रेस ने कहा कि वह मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसी जगह पर करना चाहती थी, जहां स्मारक बनाया जा सके, हालांकि, अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर सार्वजनिक श्मशान घाट पर हुआ। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी, जिसने अपने जीवनकाल में कभी डॉ. मनमोहन सिंह का सम्मान नहीं किया,
आज उनके निधन के बाद भी राजनीति करती नजर आ रही है। मैं देश को याद दिलाना चाहता हूं कि डॉ. मनमोहन सिंह नेहरू गांधी परिवार से बाहर के देश के पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने 10 साल तक प्रधानमंत्री का पद संभाला कम से कम आज दुख की इस घड़ी में राजनीति से बचना चाहिए। जहां तक हमारी सरकार का सवाल है, पीएम मोदी की सरकार ने दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सभी नेताओं को सम्मान दिया है।’
गौरतलब है कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने ही 2013 में कहा था कि राजघाट स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर सभी भावी प्रधानमंत्रियों और नेताओं के लिए अलग-अलग स्मारकों के बजाय एक साझा स्मारक स्थल होगा।