कानपुर: आल इण्डिया गरीब नवाज़ कौंसिल के तत्वाधान में आयोजित मरकजी कुल शरीफ कंघी मोहाल बड़ा इमाम चौक में कौन्सिल के राष्ट्रिय अध्यक्ष मौलाना मो. हाशिम अशरफी ने नम आखों से दुआ की। कुल में उपस्थित लोग भी दुआ में व्यस्त रहे। मौलाना अशरफी ने जब ख्वाजा गरीब नवाज की दुहायी देते हुए मुल्क की खुशहाली,तरक्की शांति की प्रार्थना की तो लोग जज़बाती होकर या ख्वाजा या ख्वाजा की गुहार लगाने लगे।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!और फिर प्यार भरा नारा ख्वाजा ख्वाजा कहते है हिन्दुस्तान में रहते है की आवाजें हर तरफ से आने लगी। इससे पूर्व दर्जनों ओलमा ने अपनी तकरीरों मे कहा कि हम माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से अपील करते हैं कि ख्वाजा गरीब नवाज जो पूरे देश विदेश के लिए एक महान संत पुरूष है उनके उर्स रजब की छुट्टी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करें मौलाना अशरफी ने कहा ख्वाजा गरीब नवाज का आस्ताना ऐसा आस्ताना है जहाँ मुगलिया बादशाह से लेकर अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा तक सैकड़ों शासको ने अपनी उपस्थति दी।
पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि दुनिया के अनेक भागों से ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह की सुरक्षा के संबध मे हजारो पत्र हमें प्राप्त हुऐ है। इसलिय में पूरी जिम्मेदारी के साथ ऐलान करता हूँ कि इस पवित्र दरगाह की सुरक्षा हर हाल में की जायेगी।
उन्होंने कहा था कि अजमेर दरगाह की इज्ज़त और आबरू पर कभी आँच नहीं आने दिया जायेगा। ये अमन का आस्ताना और शांति का केन्द्र हैं।

मौलाना अशरफी ने ये भी कहा भारत के कोने कोने से छुट्टी की मांग हो रही है जब तक छुट्टी न होगी गरीब नवाज के चाहने वाले और गरीब नवाज कौन्सिल चुप ना बैठेगी। हजरत गरीब नवाज ने पूरी दुनिया को सच्चाई का मार्ग दिखाया। आज भी आप के आस्ताने पर हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मो के लोग बड़े प्रेम से आते है। आज जरूरी है कि गरीब नवाज के मिशन को पूरे भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैलाया जाये।
ख्वाजा गरीब नवाज का मिशन माँ बाप का दिल न दुखाओं, धुम्रपान यानी शराब गांजा, अफीम, स्मैक,चरस से बचना और बेसहारा गरीबो,, मोहताजों की मदद करना है । मौलाना अशरफी ने दहशत गर्दी पुरज़ोर निंदा की और कहा इस्लाम का दहशत गर्दी से कोई सम्बन्ध नहीं |
उलमा ने कहा ख्वाजा गरीब नवाज़ ने मानवता, इन्सानियत मुहब्बत भाईचारा का सदेंश दिया। इसको फैलाने की जरूरत है। कि इसके जरिये दहशतगर्दी और फिरकापरस्ती खत्म होगी। ख्वाजा गरीब नवाज़ का संदेश अपने आप में एक उदाहरण है। बे सहारा मजबूरो और अपाहिजो को बिना भेद भाव के सुबहो शाम आप के लगंर से खाना खिलाया जाता है।
मौलाना अशरफी ने तालीम पर जोर देते हुए कहा कि हर हिन्दुस्तानी पढ़ लिख कर वतन का सिपाही बने उन्होंने कहा कि शादियों में कम खर्च करें ढ़ोल,ताशा,बाजा,आतिशबाज़ी और गलत रस्मों से बचें | इससे पूर्व जलसे का आगाज़ कुरान पाक की तिलावत से कारी मो. अहमद अशरफी ने किया । जलसे का संचालन हाफिज़ नियाज़ अशरफी और हफ़ीज़ मो.अरशद अशरफी ने किया। शायरों ने गरीब नवाज की बारगाह में मनकबत पढ़ी।
कुल शरीफ का आयोजन बड़े ही हर्ष और उल्लास से प्रारम्भ हुआ। शब्बीर भईया, शाह आलम, समी कुरैशी, मो. फकरू, मुन्ना मियां,जु़बैर वारसी,मुहम्मद वासिफ अशरफी,जावेद भाई,सईद गुड्डू,शारिक बरकाती,अज़मत,सलीम अहमद ने मेहमानों का हार फूल से इस्तकबाल व स्वागत किया। इस अवसर पर खास तौर पर मौलाना महताब आलम मिस्बाही,हाजी मो.आमिर ,क़ाज़ी सईद अहमद,हाफिज मिन्हाजउद्दीन क़ादरी] हाफिज अब्दुर रहीम बहरईची,फखरुद्दीन बाबू ,यूसुफ रज़ा आदि हजारों की तादाद में लोग मौजूद रहे।