कानपुर।मोहम्मद उस्मान कुरैशी। शहर की प्रसिद्ध दरगाह हज़रत सैयद शाह गुलाम रसूल नूमा दादा मियां रहमतुल्लाह अलैह के वार्षिक उर्स मुबारक की तैयारियों के लिए आज खानकाह शरीफ में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। शहर के दूसरे सबसे बड़े इस धार्मिक आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए हुई इस बैठक की अध्यक्षता सैयद अबुल हसनात हक्की ने की।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बैठक को संबोधित करते हुए सज्जादानशीन एवं मुतवल्ली हज़रत सैयद अबुल बरकत नजमी ने दरगाह के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “1857 की गदर (क्रांति) के समय से लेकर आज तक, दादा मियां की इस दरगाह ने हिंदू और मुसलमानों के बीच सद्भाव और एकता की रोशनी की किरण का काम किया है। यह स्थान सांप्रदायिक सौहार्द का जीवंत प्रतीक है।”
उर्स कार्यक्रम का कार्यक्रम घोषित
बैठक में उर्स मुबारक के कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा भी साझा की गई:
- 21 जून (शनिवार): इस दिन बरोज (दिन के बाद) नमाज़-ए-इशा के पश्चात रात्रिकालीन समारोह का आगाज़ होगा। इस दौरान नातियाँ पढ़ी जाएंगी और एक जिले स्तरीय मुशायरे का आयोजन होगा। इसमें शहर के साथ-साथ बाहर से भी प्रतिष्ठित शायर (कवि) शिरकत करेंगे।
- 22 जून (रविवार): उर्स का मुख्य दिन सुबह 11 बजे ‘कुल’ (मुख्य समारोह) के साथ शुरू होगा। इसमें विशेष प्रार्थनाएं और धार्मिक अनुष्ठान होंगे।
आगंतुकों की व्यवस्था
बैठक में बाहर से आने वाले मेहमानों की देखभाल और व्यवस्था की जिम्मेदारी मो. शमीम और फरहान अहमद को सौंपी गई है। उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि दूर-दराज से आने वाले जायरीनों को हर संभव सुविधा मिले।
इस महत्वपूर्ण बैठक में खानकाह शरीफ के इमाम सैयद मुहम्मद मियां, सैयद नजम साकिब, गफ्फार अहमद, शोएब नियाज़, जावेद अहमद, मुहम्मद इरफान, आफताब आलम सहित शहर के कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने उर्स मुबारक को सफल बनाने के लिए पूरे मन से सहयोग का संकल्प लिया। शहरवासी दादा मियां के उर्स में बड़ी संख्या में शिरकत करने की उम्मीद कर रहे हैं।