कानपुर। मोहम्मद उस्मान कुरैशी। भारत के पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक और “मिसाइल मैन” के नाम से प्रसिद्ध डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर एम.एच.एम. पब्लिक स्कूल में एक प्रेरणादायक और भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय था “भारत की तरक्की में डॉ. कलाम का योगदान”।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गान और दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिससे पूरे परिसर में देशभक्ति और सम्मान की भावना व्याप्त हो गई। विद्यालय के विद्यार्थियों ने डॉ. कलाम के जीवन, संघर्ष और उपलब्धियों पर आधारित भाषण, पोस्टर मेकिंग और निबंध लेखन प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक भाग लिया। बच्चों ने अपने शब्दों, विचारों और कलात्मक प्रस्तुतियों के माध्यम से यह संदेश दिया कि डॉ. कलाम आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा के प्रतीक हैं, जो कठिन परिश्रम और संकल्प से सफलता की ऊँचाइयाँ छूने की प्रेरणा देते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों के रूप में डॉ. सुहैल चौधरी, मौलाना सलीम नूरी और मौलाना अब्दुल कय्यूम उपस्थित रहे। अतिथियों ने अपने संबोधन में डॉ. कलाम के वैज्ञानिक योगदान और उनके जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने भारत को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ प्रदान कीं। डॉ. कलाम ने हमेशा युवाओं से “बड़े सपने देखने” और “लगातार मेहनत कर उन्हें साकार करने” का संदेश दिया।
विद्यालय प्रबंधन की ओर से प्रतिभागी बच्चों को प्रोत्साहित करने हेतु आर्ट किट्स और सम्मान पत्र वितरित किए गए। मुख्य अतिथियों का स्वागत विद्यालय प्रबंधक श्री अशफ़ाक सिद्दीकी ने पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर किया।
इस अवसर पर शिफा बानो, नितिन, तबस्सुम, दिव्या, पीर मोहम्मद, हदीसा सहित कई स्थानीय नागरिकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि वे डॉ. कलाम के आदर्शों पर चलते हुए शिक्षा, विज्ञान और नैतिकता के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रबंधन ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं जो हर पीढ़ी को आगे बढ़ने और अपने देश के लिए कुछ बड़ा करने की प्रेरणा देती रहेगी।
एम.एच.एम. पब्लिक स्कूल के इस आयोजन ने न केवल विद्यार्थियों को डॉ. कलाम के व्यक्तित्व से परिचित कराया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि “ज्ञान, संस्कार और प्रगति की दिशा में हर कदम, एक सशक्त भारत की ओर बढ़ता कदम है।”