एमएसआई इंटर कॉलेज बक्शीपुर में हुआ सीरतुन्नबी कॉम्पिटिशन
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गोरखपुर। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिवस के पंद्रह सौ साल मुकम्मल होने की खुशी में रविवार को मकतब इस्लामियात, अल कलम एसोसिएशन, जामिया अल इस्लाह एकेडमी व ट्रैवेल प्वाइंट की ओर से मियां साहब इस्लामिया इंटर कॉलेज बक्शीपुर में सीरतुन्नबी कॉम्पिटिशन का आयोजन हुआ। शहर के विभिन्न स्कूल, कॉलेज, मदरसा व मकतब में पढ़ने वाले सैकड़ों छात्र-छात्राओं व बड़ों ने पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की मुकद्दस जिंदगी पर निबंध लिखा।
कॉम्पिटिशन के संयोजक कारी मुहम्मद अनस रजवी ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जिस समाज का निर्माण किया उसमें बड़ों का अदब, छोटे से प्रेम, कमजोरों के प्रति सहानुभूति, बच्चों से प्यार, महिलाओं का सम्मान, मजदूरों के साथ उचित व्यवहार, कानून के प्रति जागरुकता और अन्याय के प्रति घृणा का वातावरण उत्पन्न हुआ। इस तरह पैगंबरे इस्लाम ने ऐसे आधुनिक इस्लामी समाज का निर्माण किया और एक ऐसे शासन-व्यवस्था की आधारशिला रखी, जिसके आधार पर आज बड़ी आसानी से आधुनिक युग का निर्माण किया जा सकता है। पैगंबर-ए-इस्लाम बहुत ही शानो अजमत वाले हैं। निबंध लेखन का मुख्य उद्देश्य नई नस्ल को पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि की मुकद्दस जिंदगी व शिक्षाओं से अवगत कराना है ताकी दीन व दुनिया दोनों कामयाब हो सके।
वरिष्ठ शिक्षक मुजफ्फर हसनैन रुमी ने बताया कि सीरतुन्नबी कॉम्पिटिशन के विजेताओं का ऐलान सितंबर माह के तीसरे सप्ताह में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दीन-ए-इस्लाम पूरी इंसानी बिरादरी की हिफाजत की बात करता है। दीन-ए-इस्लाम अल्लाह का भेजा हुआ सच्चा दीन है, जिसके अंतर्गत इंसान अपनी जिंदगी के तमाम पहलुओं सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, नैतिक आदि में कामयाबी हासिल कर सकता है। पैगंबर-ए-इस्लाम ने फरमाया कि ऐ लोगों! याद रखो, मेरे बाद कोई पैगंबर नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत नहीं। अत: अपने रब की इबादत करना। प्रतिदिन पांचों वक्त की नमाज पढ़ना। रमजान के रोजे रखना, खुशी-खुशी अपने माल की जकात देना। हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञा पालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाखिल होगे।
सीरतुन्नबी कॉम्पिटिशन को कामयाब बनाने में एमएसआई इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल मुख्तार अहमद, वाइस प्रिंसिपल मंजूर अहमद, हाफिज रहमत अली निजामी, मौलाना महमूद रजा कादरी, नेहाल अहमद, आसिफ महमूद, मौलाना जहांगीर अहमद, मुफ्ती मेराज अहमद कादरी, हाफिज रजी अहमद, हाजी फैज अहमद, शुएब अहमद, बेलाल अहमद, महबूब आलम, कारी शराफत हुसैन, हाफिज आफताब आलम, मुनाजिर हसन, अली गजनफर शाह, शहबाज सिद्दीकी, ताबिश सिद्दीकी, शीराज सिद्दीकी, प्रिंस, जीशान, मुहम्मद आजम, नवेद आलम, शादाब सिद्दीकी, सैयद नदीम अहमद, शीरीन आसिफ, आयशा खातून, अली अहमद, समीर अली, जैद, जाबिर, तंजीम अहमद, तानिया, अदीबा, आरजू, गुल अफ्शा, फरहीन, मंतशा, सना, आफरीन, नाजिया, फरहत, शहनवाज अहमद, सैयद मतीन अहमद, शम्स आलम, अहमद आतिफ, सैयद शहाबुद्दीन, अब्दुल अहद, आकिब अंसारी, नजमुद्दीन, युसूफ, समीउल्लाह, यासमीन, सैयद कासिफ, जेबा, जाबिर आदि शामिल रहे।