लखनऊ: ग्लोबल पीस चैरिटेबल ट्रस्ट और जामिअतुल कुर्रा एजुकेशनल सोसायटी ने शहर के गरीब और असहाय लोगों के बीच मुफ्त राशन किट का वितरण किया। यह कार्यक्रम 21 तारीख को आयोजित किया गया, जिसमें सभी समुदायों के लोगों को बिना किसी भेदभाव के खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई गई। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंदों को भोजन की सुरक्षा प्रदान करना और उनके जीवन में थोड़ी राहत लाना है।
संस्थाओं का समर्पण और सामाजिक सेवा
ग्लोबल पीस चैरिटेबल ट्रस्ट एक प्रसिद्ध गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा राहत सहित समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए काम करता है। इसी तरह, जामिअतुल कुर्रा एजुकेशनल सोसायटी शिक्षा और सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में सक्रिय है। दोनों संस्थाओं ने मिलकर पिछले कई वर्षों से गरीबों को नियमित रूप से राशन सहायता प्रदान की है।

मासिक राशन वितरण अभियान
यह राशन वितरण हर महीने किया जाता है, जिसमें आटा, चावल, दाल, तेल, चीनी और मसाले जैसी आवश्यक वस्तुएं शामिल होती हैं। संस्था के अध्यक्ष कारी अम्मार ने बताया कि यह पहल COVID-19 महामारी के बाद और भी जरूरी हो गई है, क्योंकि आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहे परिवारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य किसी की धर्म या जाति नहीं, बल्कि उसकी जरूरत देखते हैं।”
21 तारीख को हुआ विशेष वितरण
इस महीने 21 तारीख को हुए कार्यक्रम में सैकड़ों परिवारों को राशन किट दिए गए। कारी अम्मार ने स्वयं इस कार्यक्रम की देखरेख की और लोगों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा, “यह सेवा हमारी धार्मिक और सामाजिक जिम्मेदारी है। हमारी कोशिश है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए।”
लाभार्थियों ने जताई कृतज्ञता
इस मुहिम से जुड़े लाभार्थियों ने संस्थाओं के प्रयासों की सराहना की। एक वृद्ध महिला शकीला बानो ने बताया, “मेरे पति की मौत के बाद मैं बहुत मुश्किल में थी, लेकिन इस राशन ने मेरे बच्चों का पेट भरने में मदद की।” कई अन्य लोगों ने भी इस तरह की सामुदायिक सेवा को समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देने वाला बताया।
निरंतर सेवा का संकल्प
कारी अम्मार ने भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम जारी रखने का वादा किया है। उन्होंने समाज के धनी वर्ग से भी गरीबों की मदद करने की अपील की। यह पहल न केवल लोगों को भोजन देती है, बल्कि उन्हें सम्मान और आशा भी प्रदान करती है। ऐसे प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव की नींव रखते हैं।