कानपुर।मोहम्मद उस्मान कुरैशी। पहलगाम हमले में निर्दोष लोगों की हत्या और आतंकवाद की दर्दनाक घटना के खिलाफ आज अक्सा जामा मस्जिद, गदियाना से ऑल इंडिया गरीब नवाज काउंसिल के तत्वावधान में काली पट्टियों के साथ एक शांतिपूर्ण विरोध जुलूस निकाला गया। इस जुलूस में प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था:
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!“आतंकवाद मुर्दाबाद, हिन्दुस्तान जिंदाबाद, इंसानियत जिंदाबाद, मानवता जिंदाबाद, आतंकवाद को सजा दो सजा दो, नाहक खून बहाने वालों को सजा दो सजा दो, भारत के दुश्मनों से बदला लो बदला लो।” लोगों ने इन नारों के माध्यम से न केवल आतंकवाद के खिलाफ गुस्से का इज़हार किया बल्कि इस शैतानी हरकत पर गहरा दुःख भी जताया।
इस मौके पर मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी, इमाम ईदगाह गदियाना ने आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए कुरान का हवाला देकर कहा, “कोई भी आतंकी इस्लाम का वफादार नहीं हो सकता। जो एक जान को नाहक मारता है, वह पूरी इंसानियत को मारता है।

उन्होंने कहा कि “हमारी हमदर्दी उन मासूम लोगों के साथ है जो इस घटना में शहीद हुए या घायल हुए। हम उनके परिवार और बच्चों के साथ दुख साझा करते हैं। यह आतंकवाद इंसानियत के खिलाफ एक अपराध है। भारत सरकार को चाहिए कि ऐसे जालिमों को फांसी की सज़ा देकर उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाए और ऐसी सख्त सज़ा दी जाए कि भविष्य में कोई भी देश में दहशत फैलाने की जुर्रत न कर सके।”
जुलूस में काली पट्टियों के साथ स्थानीय सामाजिक और शैक्षणिक शख्सियतों के अलावा शफीक अहमद, हाजी हैदर अली, शमशाद गाजी, मौलाना अजमेरुद्दीन, हाफिज मिन्हाजुद्दीन कादरी, अरमान खान, मोहम्मद इदरीस खान, शाकिर अली, हनीफ भाई, क़मर अली समेत सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। सभी ने एक स्वर में कहा, “यह जुलूस सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि एक पैग़ाम है कि हम आतंकवाद के खिलाफ हैं, इंसानियत के साथ हैं, और इस्लाम का दामन शांति व न्याय से भरा हुआ है।”
जुलूस का समापन घायलों के लिए शिफा, मृतकों के लिए शोक, आतंकवाद के खात्मे, देश में अमन-चैन, तरक्की, खुशहाली, आपसी भाईचारे और मुहब्बत की दुआ के साथ हुआ।