कानपूर। मोहम्मद उस्मान कुरैशी। अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, कानपुर के तत्वावधान में मोतीझील कारगिल पार्क, कानपुर में एक भव्य ऑटिज़्म जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस रैली का उद्देश्य समाज में ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार के प्रति जनमानस में जागरूकता बढ़ाना, इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना तथा माता-पिता को इसके प्रारंभिक लक्षणों की पहचान कर शीघ्र कित्सकीय परामर्श लेने के लिए प्रेरित करना था।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!रैली का शुभारंभ डायरेक्टर जनरल मेडिकल एजुकेशन, उत्तर प्रदेश डॉ. वी. एन. त्रिपाठी एवं अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, कानपुर की अध्यक्ष डॉ. रोली श्रीवास्तव द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर किया गया। इस अवसर पर डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि ऑटिज़्म एक जटिल न्यूरो-डेवलपमेंटल स्थिति है, जिसकी पहचान जीवन के पहले तीन वर्षों में हो सकती है। इसके लक्षणों की समय रहते पहचान और उचित हस्तक्षेप के माध्यम से बच्चों की विकास यात्रा को बेहतर बनाया जा सकता है।
इस रैली में डॉ. सुनील तनेजा, डॉ. के. के. डोकानिया, डॉ. आर. सी. गुप्ता, डॉ. यशवंत राव, डॉ. राजेन्द्र नाथ, डॉ. गरिमा श्रीवास्तव, डॉ. अंशुमान सिंह एवं अकादमी के सचिव डॉ. अमितेश यादव सहित कानपुर के लगभग 54 वरिष्ठ एवं युवा बाल रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया। सभी चिकित्सकों ने ऑटिज़्म से जुड़े जागरूकता स्लोगन की तख्तियां लेकर पूरे उत्साह और संकल्प के साथ रैली में सहभागिता की।
रैली के दौरान उपस्थित चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों ने आमजन से संवाद कर ऑटिज़्म के प्रमुख लक्षणों जैसे – सामाजिक संपर्क में कठिनाई, आंखों से संपर्क न करना, दोहराव वाले व्यवहार, बोलने में विलंब इत्यादि के बारे में जानकारी दी। साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि ऑटिज़्म कोई मानसिक रोग नहीं, बल्कि एक न्यूरो-डवलपमेंटल विकार है, जिसमें समुचित मार्गदर्शन, परामर्श, विशेष शिक्षा, थेरैपी एवं अभिभावकों के सहयोग से बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा और समाज में सम्मानपूर्वक स्थान दिलाया जा सकता है।
यह रैली न केवल शहरवासियों के लिए जानकारीपूर्ण रही, बल्कि समाज में एक सकारात्मक सोच को भी बल मिला कि विशेष बच्चों के प्रति संवेदनशीलता, स्वीकृति और सहयोग आवश्यक है।
अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, कानपुर का यह प्रयास प्रशंसनीय है, जो न केवल चिकित्सकों के बीच वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देता है, बल्कि आमजन तक स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण संदेश पहुँचाने का कार्य भी करता है।
यह रैली निश्चित रूप से समाज में ऑटिज़्म के प्रति दृष्टिकोण को बदलने और बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम साबित होगी।