लखनऊ।मोहम्मद उस्मान कुरैशी। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) उत्तर प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. मोहम्मद मतीन ख़ाँ ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि उनकी बयानबाज़ी “ज़मीनी हक़ीक़त से बिल्कुल अलग” है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!डॉ. मतीन ने कहा कि “भागवत यह उपदेश देते हैं कि धर्म का अर्थ है सबको अपनेपन की भावना से देखना और विविधताओं को सौहार्दपूर्वक आगे बढ़ाना, लेकिन भाजपा-शासित राज्यों में वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा, जो आरएसएस का राजनीतिक विंग है, उसके शासन वाले कई राज्यों में मुसलमानों, ईसाइयों और अन्य गैर-हिंदुओं को सताया जा रहा है।
डॉ. मतीन ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हज़ारों मुस्लिमों के घर, मदरसे, मस्जिदें, मज़ारात और दुकानें ढहा दी गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुले तौर पर मुसलमानों के प्रति अपना विद्वेष प्रकट करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों के खिलाफ नफ़रत फैलाने वाले भाषण और भीड़ द्वारा की जाने वाली हत्याएँ आम हो चुकी हैं। भाजपा नेताओं द्वारा खुलेआम मुस्लिमों के आर्थिक बहिष्कार की अपील की जा रही है। मुसलमानों को ज़बरन धार्मिक नारे लगाने पर मजबूर करना बजरंग दल और उग्र हिंदुत्ववादी संगठनों का रोज़ का शौक़ बन चुका है, और सरकार इनके विरुद्ध कार्रवाई करने में नाकाम है।
डॉ. मतीन ने संभल की हालिया घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि जामा मस्जिद की जगह मंदिर का ग़ैरक़ानूनी दावा कर मुसलमानों को भड़काया गया। विरोध करने पर पुलिस द्वारा सीधी गोलीबारी की गई, जिसमें चार नौजवान शहीद हुए और बड़ी संख्या में लोग घायल व गिरफ़्तार किए गए। इसके बाद योगी सरकार ने एक कमीशन बनाया गया जिसकी खूफिया रिपोर्ट को आम करके उलटे मुसलमानों को ही दोषी ठहराने का प्रयास किया गया l
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक “साज़िश” के तहत बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं, ताकि राष्ट्रीय राजनीति में उनकी भूमिका कमज़ोर कर दी जाए और उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक बना दिया जाए।
डॉ. मतीन ख़ाँ ने चेतावनी दी कि “अगर ऐसे अन्याय बंद नहीं किए गए और मुसलमानों, ईसाइयों व अन्य गैर-हिंदुओं को हिंदुओं के समान सुरक्षा का एहसास नहीं दिलाया गया, तो समावेशी भारत का दावा खोखला साबित होगा।”
उन्होंने कहा कि अन्यथा यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाली भाजपा को अब आरएसएस की सलाह की आवश्यकता नहीं है, जैसा कि हाल ही में भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने स्वयं कहा।