रोज़ा शरीर को कैसे प्रभावित करता है और इसके विभिन्न प्रकार क्या हैं? रिसर्च अनुसार, उपवास स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, लंबी उम्र और वजन नियंत्रण में मददगार हो सकता है। इस लेख में उपवास के शीर्ष 10 स्वास्थ्य लाभ (Top 10 health benefits of fasting) विषयों पर चर्चा करेंगे
उपवास क्या है? (What is fasting)
उपवास का अर्थ है एक निश्चित अवधि तक सभी या कुछ खाने और पीने से परहेज करना है। यह प्रथा सदियों पुरानी है और चिकित्सा के सबसे पुराने उपचारों में से एक मानी जाती है। चाहे यह खाने-पीने से पूर्ण त्याग हो या कम कैलोरी वाला आहार, कई विशेषज्ञ मानते हैं कि समय-समय पर उपवास करना हमारे शरीर के लिए प्राकृतिक है। उपवास की कोई न कोई शकल सभी धर्मों में उपलब्ध है। किन्तु इस्लाम ने वर्ष में एक माह के लिए रोज़ा (उपवास) सभी मुस्लिमों के लिए अनिवार्य कर रखा है।
इसे “इंटरमिटेंट फास्टिंग” या “समय-सीमित भोजन” भी कहा जाता है। इन पद्धतियों में शरीर को उपवास की अवस्था में रखने के लिए भोजन के समय (“ईटिंग विंडो”) को सीमित किया जाता है।
धार्मिक दृष्टिकोण से उपवास:
संसार के सभी धर्मों में उपवास की प्रथा पाई जाती है। उसकी रूप रेखा अलग हो सकती है कित्नु उपवास का पालन सभी धर्मों में सामान्य है। सनातन, ईसाई, यहूदी हर धर्म में उपवास का उल्लेख है लेकिन इस का सबसे ज्यादा सख्ती से पालन इस्लाम में किया जाता है। इस्लामिक कलेंडर के अनुसार रमज़ान में दुनिया भर के मुसलामन उपवास को एक धार्मिक इवेंट के रूप में मनाते है।
Impact of Fasting on Business (व्यवसाय पर उपवास का प्रभाव)
व्यवसाय के प्रति भी यह महीना पूरी दुनिया में काफी अच्छा माना जाता है। रमज़ान में मुसलमानों के साथ साथ अन्य धर्म के लोगों का भी खूब फायदा होता है। जिस पर हम किसी और लेख में बात करेंगे। अभी हम उपवास के शीर्ष 10 स्वास्थ्य लाभ (Top 10 health benefits of fasting) पर बात करेंगे जो पूर्णरूप से स्वास्थ्य विज्ञान की रिसर्च पे आधारित है।
Top 10 health benefits of fasting (उपवास के शीर्ष 10 स्वास्थ्य लाभ)
- चयापचय को प्रभावित करने वाले हार्मोन और जीन्स को सपोर्ट करता है
उपवास के दौरान, हार्मोन स्तर में बदलाव से शरीर संचित वसा का उपयोग करने और मरम्मत प्रक्रियाएं शुरू करता है। साथ ही, जीन एक्सप्रेशन में परिवर्तन से मांसपेशियों की वसा उपयोग करने की क्षमता बढ़ती है। - वजन घटाने में मददगार
अध्ययनों के अनुसार, भोजन के समय को नियंत्रित करने या छोटे उपवास से वजन कम करने, वसा घटाने और रक्त लिपिड सुधारने में मदद मिल सकती है। - रक्त शर्करा प्रबंधन
उपवास से मधुमेह का जोखिम कम हो सकता है और ब्लड शुगर नियंत्रण में सुधार होता है। टाइप 2 मधुमेह वालों के लिए, यह इंसुलिन प्रतिरोध और लेप्टिन (भूख हार्मोन) को कम करता है। - पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद
उपवास आंत के लाभकारी बैक्टीरिया की संख्या और विविधता बढ़ाता है, जो वजन और मेटाबॉलिज्म को सुधारने में मदद करता है। - हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा
इंटरमिटेंट फास्टिंग से रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और सूजन के मार्कर कम हो सकते हैं, जो हृदय रोग के जोखिम को घटाते हैं। - रोगों की रोकथाम में सहायक
उपवास के दौरान शरीर “ऑटोफेजी” (कोशिकाओं की सफाई प्रक्रिया) शुरू करता है, जो पुरानी सूजन और हृदय रोग, मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बीमारियों के जोखिम को कम करता है। - उम्र बढ़ने की गति धीमी करना
पशु अध्ययनों में, कम प्रोटीन वाला आहार और उपवास से जीवनकाल बढ़ने के संकेत मिले हैं। यह ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन को बढ़ावा देता है, जो मेटाबॉलिज्म, मांसपेशियों और मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण है। - शरीर की प्राकृतिक लय (सर्केडियन रिदम) को रीसेट करना
उपवास आंत के माइक्रोबायोम और मेटाबोलाइट्स के स्तर को प्रभावित करके शरीर की घड़ी को संतुलित करता है, जो मोटापे जैसी समस्याओं में उपयोगी है। - मस्तिष्क स्वास्थ्य को सपोर्ट
पशु अध्ययनों के अनुसार, उपवास अल्जाइमर और पार्किंसंस से बचाव कर सकता है तथा याददाश्त और मस्तिष्क क्रिया को बेहतर बनाता है। - चिंता कम करना
कुछ मानव अध्ययनों में उपवास से चिंता और अवसाद के लक्षण कम होने तथा सामाजिक जुड़ाव बढ़ने के संकेत मिले हैं।
क्या उपवास सभी के लिए सुरक्षित है?
स्वास्थ्य विज्ञान: स्वास्थ्य विज्ञान के अनुसार उपवास हर किसी के लिए नहीं है। यदि आप 18 वर्ष से कम या वृद्ध हैं, गर्भवती/स्तनपान करा रही हैं, या मधुमेह, उच्च रक्तचाप, किडनी की समस्या जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें। महिलाओं के लिए, मासिक चक्र के फॉलिक्युलर चरण (शुरुआती दिनों) में उपवास करना बेहतर हो सकता है।
इस्लामिक पक्ष: इस्लाम धर्म में हर बालिग मर्द एवं महिला पे वर्ष में रमज़ान महीने में रोज़ा रखना अनिवार्य है. इस्लाम के अनुसार कुछ विशेष बीमारियों में रोज़े से छूट जरुर है लेकिन उसके के लिए कड़े नियम हैं तथा अन्य दिनों छूटे रोजों की क़ज़ा जरुरी है.
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाएं?
अधिकांश लोगों के लिए उपवास सुरक्षित है, लेकिन यह अन्य आहारों से अधिक प्रभावी नहीं है। यदि उपवास करें, तो भोजन का समय सुबह जागने के 6-8 घंटे के भीतर सीमित करें ऐसा स्वास्थ्य विज्ञान कहता है जो इस्लाम धर्म की शिक्षाओं से बहुत करीब है।
इस्लामिक उपवास के अत्यधिक लाभ
उपवास के विभन्न लाभ हैं यह बात हम सभी जानते हैं किन्तु इस्लाम जिस उपवास की अपेक्षा करता है उसमें स्वास्थ्य लाभ के साथ साथ मानव जीवन को आंतरिक सुख भी प्राप्त होता है। मानिसक तनाव से मुक्ति, शारीरिक इक्षाओं पे कंट्रोल, अध्यात्मिक शक्तियों की सकुशल प्राप्ति आदि इस्लामिक उपवास के विशेष लाभ हैं। जिनके चलते बहुत से ऐसे लोग जो अपनी निजी ज़िन्दगी में इस्लाम का पालन नहीं करते किन्तु रमज़ान के रोज़े रखते हैं। जिस से उनके मन को शांति मिलती है। शायद यही कारण है की इस्लामिक वद्वान इस्लाम को सृष्टि एवं मानव धर्म कहते हैं।