सिद्धार्थनगर। सोमवार 06 अक्टूबर 2025 को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने जिले में मुस्लिम समाज पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जिला अध्यक्ष निशात अली की अध्यक्षता में कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर आवाज उठाई और राष्ट्रपति महोदया के नाम जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश में शासन और प्रशासन की लापरवाही के चलते मुस्लिम समाज लगातार अन्याय और उत्पीड़न का शिकार हो रहा है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए कि वे सभी समुदायों को समान अधिकार और सुरक्षा उपलब्ध कराएं, लेकिन इसके उलट कई मामलों में पक्षपातपूर्ण रवैया देखने को मिल रहा है।
ज्ञापन में हाल ही में सामने आए एक बेहद संवेदनशील मामले का भी जिक्र किया गया। शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के रोमनदेई गाँव के दो युवकों पर आरोप है कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय के धार्मिक झंडे, जिस पर कलमा लिखा था, का अपमान किया और उस पर पेशाब करते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर वायरल कर दिया। इस घटना से पूरे जिले में आक्रोश व्याप्त है और लोग इसे सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की साज़िश बता रहे हैं।

AIMIM कार्यकर्ताओं ने इस घटना को निंदनीय और साम्प्रदायिक माहौल को खराब करने वाला कृत्य बताते हुए कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की। इस मामले को लेकर पार्टी नेताओं ने पुलिस अधीक्षक अभिषेक महाजन को भी ज्ञापन सौंपा और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग रखी।
जिला अध्यक्ष निशात अली ने कहा कि ऐसे कृत्य समाज में नफरत फैलाने और भाईचारे को तोड़ने का काम करते हैं। यदि समय रहते दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में ऐसे घटनाक्रम और भी गंभीर रूप ले सकते हैं। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द न्यायसंगत कार्रवाई नहीं हुई तो AIMIM आंदोलन को और तेज करेगा।
इस दौरान बड़ी संख्या में AIMIM के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में मांग की कि मुस्लिम समाज के धार्मिक प्रतीकों का अपमान करने वालों को बख्शा न जाए और जिले की गंगा-जमुनी तहज़ीब को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठाए।
इस प्रकार, सिद्धार्थनगर में AIMIM का यह ज्ञापन केवल स्थानीय प्रशासन के लिए चेतावनी नहीं है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।