भारतीय बाल रोग अकादमी (IAP) द्वारा नवजात शिशु सप्ताह के अवसर पर एनआईसीयू (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) वार्ड में हैंड हाइजीन और इन्फेक्शन कंट्रोल पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य नवजात शिशुओं को संक्रमण से बचाने और उनकी बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों और परिजनों को जागरूक करना था।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कार्यक्रम के दौरान अस्पताल के ओपीडी में नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी वाले पंपलेट्स वितरित किए गए। इन पंपलेट्स में नवजात शिशुओं की साफ-सफाई, स्तनपान, टीकाकरण, और सामान्य देखभाल के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. यशवंत राव ने की, और सचिव डॉ. अमितेश यादव के साथ डॉ. प्रतिभा, डॉ. शैलेन्द्र गौतम, और डॉ. नेहा अग्रवाल ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस कार्यशाला में लगभग 22 नर्सिंग स्टाफ ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
डॉ. अमितेश यादव ने हैंड हाइजीन के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि सही तरीके से हाथ धोने से नवजात शिशुओं को संक्रमण से बचाया जा सकता है। वहीं, डॉ. यशवंत राव ने एनआईसीयू में इन्फेक्शन कंट्रोल के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने नवजात शिशुओं की देखभाल में संक्रमण नियंत्रण के महत्व को रेखांकित करते हुए नर्सिंग स्टाफ और अन्य उपस्थित लोगों को जागरूक किया।
कार्यक्रम के दौरान नर्सिंग स्टाफ को व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया, जिसमें उन्हें संक्रमण नियंत्रण और स्वच्छता के मानकों का पालन करने के तरीके सिखाए गए। इस पहल का मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं को स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना था।
भारतीय बाल रोग अकादमी द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम नवजात शिशु स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।