गोरखपुर। जिले में प्रथम स्थान मिलने की खबर पाते ही अर्णव का परिवार खुशी से झूम उठा। इसके बाद सभी लोग मंदिर जाकर अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना किए। इसके बाद मिठाई खिलाकर परिवार वालों ने अर्णव का मुंह मीठा कराया। इस दौरान अर्णव के घर व फ़ोन पर शुभकामनाएं देने वालों का ताता लगा रहा।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले अर्णव अग्रवाल खुद का मोबाइल नहीं रखते हैं। साथ ही किसी भी सोशल मीडिया पर उनका अकाउंट नहीं है। मोबाइल से दूरी रहती है। ज़रूरत पड़ने पर पढ़ाई के लिए अक्सर यू-ट्यूब सहित अन्य प्लेटफार्म का सहारा लेते हैं। अर्णव दो भाई-बहन है। मम्मी-पापा व दीदी सहित अन्य लोग प्रेरणास्रोत है।
अर्णव के पिता सचिन अग्रवाल देवरिया में सिंचाई विभाग में इंजीनियर है जबकि माता मोनिका अग्रवाल गृहिणी है। अर्णव ने बताया कि पढ़ाई में विद्यालय प्रबंधन का काफी सहयोग मिला। शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए नोट से काफी आसानी हुई है। विद्यालय के बाद घर पर 5-6 घंटे पढ़ाई करता था। वह रामानुजन जी व टेरेंस टॉवो को अपना आदर्श मानते हैं। अर्णव का सपना स्पेस वैज्ञानिक बनने का है।