सिंगाही खीरी। नगर पंचायत सिंगाही भेडौरा में संविदा व ठेका कर्मचारी ने नगर पंचायत कार्यालय के बाहर पंडाल लगाकर विरोध-प्रदर्शन किया तथा निघासन उपजिलाधिकारी से अपना काम ठीक तरह से करने में हो रही कठिनाइयो व अपनी समस्या सम्बंधित ज्ञापन प्रदेश उपाध्यक्ष के नेतृत्व में निघासन उप जिलाधिकारी / अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत सिंगाही को देखकर अपनी मांगे रखी निघासन उप जिला अधिकारी ने सफाई कर्मचारी व ठेका कर्मचारियों की बात सुनकर कार्य करने में आ रही बधाओ को दूर करते हुए सफाई के संसाधन संबंधी समस्या का निस्तारण करने और उनकी आवश्यकता अनुसार मांगों को पर वार्ता करने का आश्वासन दिया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!नगर पंचायत सिंगाही भेडौरा के कार्यालय के सामने संविदा व ठेका कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरी शंकर की अगुवाई में सिंगाही के सफाई कर्मचारी उमेश कुमार, विशाल कुमार,अनिल, विनोद, राम बहादुर, विकास, रामपाल, अनूप ,आरती, पप्पू, अंजनी सहित आदि सफाई व ठेका कर्मचारियों ने लामबंद होकर 10 सूत्री मांगों का ज्ञापन निघासन उप जिलाधिकारी/ अधिशासी अधिकारी राजीव निगम को सौंप कर अपनी मांग रखी है
सफाई कर्मचारियों की मांग है कि उनका हर महीने सफाई करने के लिए झाड़ू हार्पिक डलिया ठंडक के मौसम की वर्दी इपीएफ गजेटेड छुट्टी है नगर पंचायत के बाबू के द्वारा मानसिक प्रताड़ित न किया जाए मौसमी वर्दी भी दी जाए और कर्मचारियों का आईडी कार्ड बनाया जाए एक सप्ताह के अंदर एक सप्ताह के अंदर पंचम वित्त आने पर एक सप्ताह के अंदर सभी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कराया जाए तथा सभी कर्मचारियों को नियमित एसीपी नियुक्ति तिथि से जैसा नियम में उसका एरियर का भुगतान किया जाए सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि सुरेंद्र पाल कर्मचारियों से अभद्र भाषा का प्रयोग कर बुरा और भला कहते हैं उसको बंद कराया जाए। नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी राजीव निगम ने सभी कर्मचारियों की समस्या को सुनकर कुछ समस्याओं का तुरंत निदान करते हुए सफाई के लिए झाड़ू हार्पिक तुरंत उपलब्ध कराने के निर्देश दिया नगर पंचायत के सफाई नायक को दिए हैं।
संविदा एवं ठेका कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरी शंकर ने मुख्यमंत्री से संबंधित उप जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन दिए गए ज्ञापन में कहां है कि नगर पंचायत के बड़े बाबू अखिलेश अवस्थी और सुरेंद्र पाल सिंह एवं रशीद का चयन आउटसोर्सिंग के माध्यम से नगर पंचायत में 2007 एवं 2008 में हुआ था लेकिन यह सभी संविदा कर्मचारी उस समय के नगर पंचायत प्रशासन की मिली भगत से गोलमाल ढंग से सरकारी हो गए जबकि निर्धारित तिथि में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को परमानेंट सरकारी कर्मचारी के पद पर नियुक्ति देने का कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ है।