बाल रोग विशेषज्ञों को नवीनतम दिशानिर्देशों से कराया गया अवगत
कानपुर। मोहम्मद उस्मान कुरैशी। एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, कानपुर द्वारा आईएपी प्रेसिडेंशियल एक्शन प्लान 2025 के अंतर्गत आज होटल द हेरिटेज, स्वरूप नगर में एक दिवसीय आरटीआई-जेम (Respiratory Tract Infection – Guidelines, Education & Management) कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों में होने वाले गंभीर श्वसन संक्रमण की पहचान, निदान एवं उपचार पर नवीनतम राष्ट्रीय दिशानिर्देशों की जानकारी दी गई।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मुख्य अतिथि पूर्व डीजीएमई डॉ. वी. एन. त्रिपाठी एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. शैलेन्द्र गौतम ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि RTI जैसी आम लेकिन उपेक्षित बीमारियाँ सही मार्गदर्शन से आसानी से रोकी जा सकती हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमितेश यादव द्वारा किया गया एवं आभार डॉ. रोली श्रीवास्तव ने व्यक्त किया।
कार्यशाला की खास बात रही देशभर से आए विशेषज्ञ फैकल्टी जिन्होंने अपने क्षेत्र की विशेषज्ञता से प्रतिभागियों को लाभान्वित किया:
डॉ. अजय श्रीवास्तव (रायबरेली) बचपन के जटिल निमोनिया प्रबंधन में विशेषज्ञ।
डॉ. घनश्याम चौधरी (झांसी) ओटाइटिस मीडिया और आरटीआई में एंटीबायोटिक उपयोग पर प्रभावशाली व्याख्यान।
डॉ. गौरव गुप्ता (चंडीगढ़) — ब्रोंकिओलाइटिस और कंम्प्लीकेटेड RTI के केस बेस्ड अपडेट।
डॉ. राज तिलक एवं डॉ. यशवंत राव (कानपुर) — लोकल प्रैक्टिस में गाइडलाइंस का अनुप्रयोग और पेरेंटल एजुकेशन पर ज़ोर।
बाल रोग विशेषज्ञों ने कम्युनिटी-अक्वायर्ड निमोनिया, क्रूप, ब्रोंकिओलाइटिस, ओटाइटिस मीडिया, बार-बार होने वाले एवं जटिल निमोनिया पर गहन चर्चा की। यह कार्यशाला विशेष रूप से माता-पिता को जागरूक करने, सही समय पर इलाज शुरू करने, और एंटीबायोटिक के अनावश्यक प्रयोग को रोकने के सन्देश को बल देती है।
कार्यक्रम में डॉ. के. के. डोकानिया, डॉ. अनुराग भारती, डॉ. ललित अरोड़ा, डॉ. महेश खट्टर, डॉ. जे. एस. नरंग, डॉ. ओ. पी. भट्ट, डॉ. शीला चित्रांशी, डॉ. पी. के. तंडन समेत शहर के लगभग 60 बाल रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया।
यह कार्यशाला न केवल चिकित्सकों के लिए ज्ञानवर्धक रही, बल्कि समाज के लिए यह संदेश भी लेकर आई कि बच्चों की खांसी, सर्दी, बुखार को हल्के में न लें, समय पर चिकित्सकीय परामर्श लें और जागरूक माता-पिता बनें।