By: Shafique Faizi
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वक्फ बिल 2025 संसद के दोनों सदनों से पास हो गया है । राष्ट्रपति के मंज़ूरी के बाद अब यह कानून बन गया है। सत्ताधारी बीजेपी का दावा है कि वक्फ कानून 2025 से देश गरीब, असहाय मुस्लिमों का कल्याण होगा, जबकि विपक्ष इस को एक काला कानून बता रहा है। मुस्लिम समुदाय का बहुत बड़ा हिस्सा वक्फ कानून 2025 का विरोध कर रहा है। मुस्लिम समुदाय का मानना है कि इस कानून के जरिया बीजेपी मुस्लिम धार्मिक संस्थानों, मस्जिद, मदरसा, कब्रिस्तान, ईद गाह एवं खानकाहों को छीनना चाहती है। पक्ष, विपक्ष और मुस्लिमों के दृष्टिकोण से वक्फ कानून 2025 का एक विस्तृत विश्लेषण स्वरुप यह लेख आप को सही और गलत को समझने में सहायता करेगा।
धार्मिक संस्थाएं और दान (Religious Endowments):
भारत में धार्मिक संस्थाएं और दान देश की विविधता का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये संपत्ति, ज़मीन, पैसा, या अन्य मूल्यवान चीज़ें हो सकती हैं, जो धार्मिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, या समाज सेवा के लिए दान की जाती हैं। भारत में इनका प्रबंधन अलग-अलग धर्मों के अपने समुदायों द्वारा किया जाता है। भारतीय संविधान में इस की पूरी आज़ादी है।
भारत में धार्मिक संस्थाओं के प्रकार:
- हिंदू संस्थाएं: मंदिर ट्रस्ट और समाज सेवी संगठन प्रबंधन करते हैं।
- वक्फ (मुस्लिम संस्थाएं): मुतवल्ली, राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ काउंसिल प्रबंधन करते हैं।
- ईसाई संस्थाएं: चर्च और ट्रस्ट प्रबंधन करते हैं।
- सिख संस्थाएं (गुरुद्वारा): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) प्रबंधन करती है।
- बौद्ध और जैन संस्थाएं: मठ, ट्रस्ट और समुदाय इन्हें चलाते हैं।
धार्मिक संस्थाओं की आज़ादी क्यों ज़रूरी है?
भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है यहाँ सभी धर्मों को अपनी धार्मिक पूजा पद्दिती एवं सस्कृति का पालन करने की पूरी स्वतंत्रता है। संविधान के अनुच्छेद 25 के अंतर्गत किसी भी धर्म को मानने, आचरण करने, और प्रचार करने की आज़ादी, अनुच्छेद 26 के तहत धार्मिक मामलों के प्रबंधन की आज़ादी, अनुच्छेद 27 के अनुसार किसी भी धर्म के प्रचार के लिए करों से मुक्ति एवं अनुच्छेद 28 कुछ शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या पूजा में शामिल होने की आज़ादी पूरी आज़ादी प्रदान की गई है। संविधान की इन्हीं मोल धाराओं के तहत सभी धार्मिक मामलों में हर समुदाय को निम्न अधिकार मिलना ही चाहिए।
- धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा: समुदाय अपने धार्मिक स्थानों को स्वयं प्रबंधित कर सकें।
- संस्कृति की रक्षा: ऐतिहासिक स्थल और परंपराएं बची रहें।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: कई संस्थाएं स्कूल, अस्पताल चलाती हैं।
- समाज की तरक्की: गरीबों और कमज़ोरों की मदद।
- धार्मिक एकता: अलग-अलग धर्मों में समझ बढ़े।
संविधान की यह मूल भावना है की धार्मिक मामलों में सभी समुदाय को ऐसी तमाम आज़ादी हर हाल में मिलनी चाहिए जिसका अधिकार भारत का संविधान सुनिश्चित करता है।
वक्फ क्या है?
वक्फ इस्लामी कानून के अनुसार संपत्ति का दान है, जो मस्जिद, कब्रिस्तान, स्कूल, अस्पताल, या गरीबों की मदद के लिए किया जाता है। भारत में वक्फ का प्रबंधन वक्फ एक्ट, 1995 के तहत होता है, जो भारत की धर्मनिरपेक्षता और सभी के लिए सामान्य सधिकारों को सुनिश्चित करता है। वक्फ एक्ट, 1995 में संशोधन के बाद वक्फ कानून 2025 में कुछ इन्तेहाई जटिल समस्सियाएँ उत्पन्न हो रही हैं
- वक्फ की समस्याएं:
- 8.7 लाख वक्फ संपत्तियों में से 7% पर कब्ज़ा (सरकारी और निजी)।
- 50% संपत्तियों का हाल अज्ञात।
- उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब में सबसे ज़्यादा वक्फ संपत्तियां।
वक्फ एक्ट, 2025 क्यों खतरनाक है?
4 अप्रैल 2025 को पास हुए इस कानून में नए बदलाव मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को कमज़ोर करते हैं। बीजेपी सरकार द्वारा किये गए संशोधनों से वक्फ़ सम्पतियों को निम्न प्रकार के खतरे हो सकते हैं:
- संपत्ति पर खतरा: सरकार और भूमाफिया वक्फ की ज़मीन पर कब्ज़ा कर सकते हैं। वक्फ एक्ट, 2025 के अंतर्गत अम्बानी के अन्तिलिया हाउस (Antilia) के केस को पूरी तरह अम्बानी के फेवर में कर देगा।
- धार्मिक स्वायत्तता खत्म: वक्फ एक्ट, 2025 के अंतर्गत वक्फ संस्थाओं में गैर-मुस्लिम सदस्यों को जगह मिलेगी, जो संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन है।
- “वक्फ बाय यूजर” खत्म: अब बिना लिखित दस्तावेज़ के वक्फ नहीं बन सकता। इससे हजारों और लाखों की संख्मया में मस्जिद और कब्रिस्तान का वजूद ख़तम हो सकता है। अभी तक “वक्फ बाय यूजर” के अंतर्गत ऐसे तमाम धार्मिक अस्थल जो भले ही वक्फ़ बोर्ड में दर्ज न हों लेकिन उनका परियोग धार्मिक उद्देश से होता था तो वह वक्फ़ के सम्पति मानी जाती थी, किन्तु वक्फ एक्ट, 2025 में “वक्फ बाय यूजर” को ख़तम कर के ऐसी तमाम मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान, मज़ार एवं अन्य संसथान वक्फ़ प्रापर्टी से बहार हो जाएँगी, जिन पर सरकार या अराजकतत्व क़ब्जा कर सकते हैं।
- सरकारी दखल: वक्फ एक्ट, 2025 के तहत, डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को अधिकार मिलेगा, जो पक्षपातपूर्ण फैसले ले कर वक्फ़ सम्पतियों का बंदरबांट कर सकते हैं।
- मुस्लिम प्रतिनिधित्व घटा: वक्फ एक्ट, 2025 के अनुसार वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य को जगह मिलेगी, जो अनुच्छेद 26 के उल्लंघन साथ साथ मुस्लिम धार्मिक मामलों में अन्य समुदाय के हस्तछेप को बढ़ावा देगा, जिसे देश में धार्मिक सद्भावना के ठेस पहुंचेगी, हिन्दू मुस्लिम के दरमियान दूरियां और बढेंगी।
- ट्राइब्यूनल कमज़ोर: अब कोर्ट में अपील की जा सकेगी, जिससे मामले लंबे खिंचेंगे। मामलों के निपटारे तथा धार्मिक आस्था पे आधारित पैसले सुनाये जाने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं।
मुस्लिम समुदाय की मांगें:
- वक्फ एक्ट, 2025 वापस लिया जाए।
- सरकार मुस्लिम समुदाय से बात करे।
- सभी धार्मिक संस्थाओं की सुरक्षा की जाए।
- पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का पालन हो।
वक्फ कानून 2025 के पक्ष में कौन हैं:
बहुतात मुस्लिम समुदाय, वक्फ एक्ट, 2025 को काला कानून मान कर इसको फ़ौरन वापस लेने की मांग कर रहे हैं, किन्तु कुछ मुस्लिम इसका सपोर्ट भी कर रहे हैं। सपोर्ट करने वालों के पास भले ही इसका कोई उचित उदहारण न हो किन्तु वक्फ एक्ट, 2025 को वह क्रन्तिकारी बता रहें है।
बीजेपी वक्फ एक्ट, 2025 को सही ठहराने हर मुमकिन कोशिश कर रही है। इसके लिए कुछ बुर्के वाली महिलाओं का सहारा भी लिया जा रहा जिनके बारे में आम धारणा है कि हिंदों महिलाओं को मुस्लिम भेषभूसा में दिखा कर बीजेपी सहानुभूति हासिल करना चाहती है, बाकि कुछ मुस्लिम मर्द बीजेपी की मुंह भराई में वक्फ एक्ट, 2025 को सपोर्ट कर रहे हैं, अब इसके पीछे उनकी क्या मजबूरी है यह वही बता पाएंगे।
गरीबों का कल्याण:
बीजेपी समेत सभी सपोर्ट करने वाले वक्फ एक्ट, 2025 को गरीबों के लिए कल्याणकारी बता रहे हैं, किन्तु सचाई इसके विपरीत है।पहली बात वक्फ बोर्ड कोई फैक्ट्री नहीं है जो बहुत सरे जॉब पैदा कर के गरीब मुसलमानों का भला कर देगा, यदि यह बात मान भी लि जाये की वक्फ़ बोर्ड कुछ नौकरियां सृजित कर सकता है तो इस बात की क्या गारेंटी है वह नौकरियां गरीब मुसलमानों को ही मिलेंगी ? फ़िलहाल वक्फ़ बोर्ड के कुल सम्पतियों का वर्गीकरण किया जाये तो एक अनुमानित रिपोर्ट कुछ इस तरह बनती है
कुल संपत्ति और वर्गीकरण
वक्फ़ बोर्ड की कुल संपत्ति अनुमानतः 39 लाख एकड़ है, जो हाल के आधिकारिक बयानों पर आधारित है। यह भारत में तीसरा सबसे बड़ा भू-स्वामी है, सशस्त्र बलों और रेलवे के बाद। विभिन्न श्रेणियों में संपत्ति का वितरण इस प्रकार है:
श्रेणी | संपत्तियों की संख्या | अनुमानित क्षेत्रफल (लाख एकड़) |
---|---|---|
वाणिज्यिक (दुकानें) | 1,13,187 | 5.05 |
आवासीय (घर) | 92,505 | 4.13 |
मस्जिदें | 1,19,200 | 5.32 |
मदरसे | 38,000 (अनुमानित) | 1.70 |
कब्रिस्तान | 1,50,516 | 6.73 |
मज़ार (धार्मिक स्थल) | 33,492 | 1.49 |
कृषि भूमि | 1,40,784 | 6.29 |
अन्य संपत्तियां | 2,22,644 | 8.29 |
नोट: मदरसों की संख्या और क्षेत्रफल का अनुमान लगभग 38,000 मदरसों पर आधारित है, जो भारत में मौजूद हैं, और यह माना गया है कि वे वक्फ़ बोर्ड द्वारा प्रबंधित हैं (About Madrasa education under RTE Act: UPSC Current Affairs)। यह अनुमान “अन्य” श्रेणी से लिया गया है, और सटीक डेटा की कमी के कारण यह अनिश्चित है।
वक्फ़ सम्पति कितनी कल्याणकारी:
इन तमाम प्रापर्टी में वाणिज्यिक (दुकानें) जो 1,13,187, आवासीय (घर) 92,505 एवं कृषि भूमि जो लगभग 1,40,784 वक्फ़ सम्पति ऐसी हैं जहाँ से वक्फ़ बोर्ड पैसे कमाता है, बाकि मस्जिद, मदरसे और कब्रिस्तान से कौनसी आमदनी होती है जिस से बीजेपी मुसलमानों का कल्याण करेगी, अब क़ब्रों पे टैक्स या ने कोई कर लगा कर ही ऐसा संभव हो सकता है, हालाँकि यह इस्लामी कानून का खुला उलंघन कहलायेगा, बाकी वाणिज्यिक (दुकानें) जो 1,13,187, आवासीय (घर) 92,505 एवं कृषि भूमि जो लगभग 1,40,784 वक्फ़ सम्पति ऐसी हैं जिस गरीबों का भला आवश्य हो सकता है किन्तु इस के लिए वक्फ एक्ट, 1995 में संशोधन की आवयश्कता नहीं थी, इसके लिए क्रप्शन को रोकने का कानून बनाना चाहिए, वक्फ़ के स्वरुप को बदलने की क्या जरुरत थी ?
वक्फ एक्ट, 2025 की आड़ में अब क्या होगा ?
“वक्फ बाय यूजर” के ख़तम होने से जो प्रापर्टी वक्फ़ से बाहर हो रही है सब से पहले ऐसी तमाम संपतियां मुस्लिमों छीनी जाएँगी, जिसकी शरुआत उत्तर परदेश के फतेहपुर से हो चुकी है, जहाँ मंदिर के पीछे मुस्लिम कब्रिस्तान पे योगी आदित्य नाथ न बुलडोज़र अपना कम कर चूका है, आने वाले कुछ दिनों में ऐसी ख़बरें देश के हर कोने से देखने और सुनने को मिल सकती है।
देश में धार्मिक स्वतंत्रता और आपसी सद्बभावना बनी रहे इस लिए वक्फ एक्ट, 2025 का विरोध जरुरी है ऐसा देश के विद्वानों एवं धर्मनिरपेक्षता के पक्षकारों का मन्ना है। वक्फ एक्ट, 2025 का विरोध कैसे करना है इसके लिए यहाँ क्लिक करें