कानपुर। मोहम्मद उस्मान कुरैशी। रमज़ान के रोज़े की हालत में बिना उज्र नमक चखना मकरूह है।
ऑल इंडिया गरीब नवाज़ काउंसिल के ज़ेर एहतिमाम मा ह-ए-सियाम हेल्पलाइन में पूछे गए सवालात के शरीअ़ी जवाब।
सवाल: हाफ़िज़-ए-क़ुरआन को ज़कात दे सकते हैं या नहीं?
जवाब: हाफ़िज़-ए-क़ुरआन जिसके पास क़ुरआन करीम का क़ीमती नुस्ख़ा हो, जिसकी क़ीमत क़दर-ए-निसाब के बराबर हो, उसे ज़कात लेना जायज़ नहीं है, क्योंकि क़ुरआन मजीद उसके लिए हाजत अस्लिया नहीं।
सवाल: रमज़ान के महीने में मन्नत के रोज़े रख सकते हैं या नहीं?
जवाब: रमज़ान के महीने में रमज़ान के रोज़ों के अलावा ग़ैर मुसाफ़िर और मरीज़ को कोई दूसरा रोज़ा रखना जायज़ नहीं।
सवाल: तालाब के अंदर ग़ुस्ल कर रहा था, रियाह निकल गई तो रोज़ा टूट गया?
जवाब: पानी के अंदर रियाह ख़ारिज हो गई तो रोज़ा नहीं टूटा। हालत-ए-रोज़ा में ऐसा करना मकरूह है।
सवाल: क्या रोज़े की हालत में नमक चखना मकरूह है?
जवाब: रमज़ान के रोज़ों में बिना उज्र नमक चखना ज़रूर मकरूह है। नफ़्ल रोज़ों में कोई कराहत नहीं, जब कि इसकी ज़रूरत हो।
माहे स्याम हेल्प लाइन में मुफ्ती हज़रात व उलमा ए अहले सुन्नत के व्हाट्सअप व कॉन्टेक्ट नंबर्स
- मुफ्ती मोहम्मद इलियास खां नूरी (मुफ्ती आजम कानपुर) 9935366726
- मुफ्ती मोहम्मद हाशिम अशरफी 9415064822
- मुफ्ती मोहम्मद महताब आलम कादरी मिस्बाही 9044890301
- मौलाना फतेह मोहम्मद कादरी 9918332871
- मुफ्ती महमूद हस्सान अख्तर अलीमी 9161779931
- मौलाना कासिम अशरफी मिस्बाही (ऑफिस इंचार्ज) 8052277015
- मौलाना गुलाम हसन क़ादरी 7897581967
- मुफ्ती गुल मोहम्मद जामई अशरफी 8127135701
- मौलाना सुफियान अहमद मिस्बाही 9519904761
- हाफिज़ मोहम्मद अरशद अली अशरफी 8896406786
- जनाब इकबाल अहमद नूरी 8795819161