कानपुर । मोहम्मद उस्मान कुरैशी । विश्व ओ.आर.एस. सप्ताह (25-31 जुलाई) के अवसर पर भारतीय बाल रोग अकादमी (आईएपी), कानपुर शाखा द्वारा रविवार प्रातः मोतीझील परिसर में एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य डायरिया जैसी बीमारियों में ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओ.आर.एस.) के जीवनरक्षक उपयोग के प्रति आमजन को शिक्षित करना था।
रैली का शुभारंभ और प्रतिभागी
रैली का शुभारंभ डॉ. सुनील तनेजा, डॉ. वी.एन. त्रिपाठी और डॉ. रोली मोहन द्वारा फ्लैग-ऑफ के साथ किया गया। लगभग 60 प्रतिभागियों में बाल रोग विशेषज्ञ, मेडिकल छात्र, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वयंसेवक शामिल हुए।
जागरूकता के प्रमुख तरीके
- प्रतिभागियों ने “डब्ल्यू एच ओ का है कहना – ओ.आर.एस. है जीवन रक्षक गहना!” जैसे नारों के साथ मोतीझील गेट से राजीव वाटिका तक मार्च किया।
- आम नागरिकों को ओ.आर.एस. हस्त-पर्चे वितरित किए गए, जिनमें इसके उपयोग की विधि और लाभ बताए गए।
- लाउडस्पीकर के माध्यम से डायरिया में ओ.आर.एस. के त्वरित उपयोग की जानकारी दी गई।
विशेषज्ञों का संदेश
अकादमी के सचिव डॉ. अमितेश यादव ने जोर देकर कहा:
“गर्मी एवं बरसात में डिहाइड्रेशन के मामले बढ़ते हैं। ओ.आर.एस. एक सस्ता, सुलभ और प्रभावी समाधान है जो हर घर में उपलब्ध होना चाहिए। यह नवजातों से वयस्कों तक के जीवन बचा सकता है।”
उपस्थित वरिष्ठ चिकित्सक
रैली में डॉ. आर.सी. गुप्ता, डॉ. के.के. डोकानिया, डॉ. राज तिलक, डॉ. अनुराग भारती, डॉ. विवेक माहेश्वरी सहित कई बाल रोग विशेषज्ञों ने सक्रिय भागीदारी की।
आयोजन नागरिकों की सक्रिय रुचि के साथ संपन्न हुआ। आईएपी टीम ने इसे “ओ.आर.एस. अपनाइए – जीवन बचाइए” के संदेश के साथ समाप्त किया, जो ओ.आर.एस. सप्ताह के शेष दिनों में भी जागरूकता अभियान को गति देगा।