कानपुर।मोहम्मद उस्मान कुरैशी। भारतीय दलित पैंथर के तत्वाधान में बोधगया के संरक्षण और विकास के लिए पैदल प्रदर्शन कर भारी संख्या में लोग जिलाधिकारी, कानपुर नगर को संदर्भित ज्ञापन सौपा
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि हम आपका ध्यान इस ओर आकर्षित कराना चाहते है कि महाबोधि महाविहार बौद्धगया प्रबन्ध समिति विश्व में एक अकेला उदाहरण है जिसमें बौद्ध अल्पमत में है और बौद्धों के पवित्रतम स्थल पर गैर बौद्धों को घोषित तौर पर कब्जा है।
यह स्थिति वैश्विक लोकतंत्र भारतीय संविधान नैषर्गिक न्याय के सर्वथा विपरीत है। महाबोधि महाविहार बौद्धगया प्रबंध समिति पूर्ण रूप से बौद्धों के अधीन न होने के कारण सम्पूर्ण बौद्ध जगत व्यथित एवं आक्रोषित है।
महाबोधि महाविहार बौद्धगया तथागत गौतम बुद्ध की कर्मस्थली है। परन्तु जो एक्ट 1949 में जो प्रावधान है वो पूर्णतः बौद्ध समाज के अनुरूप नहीं है। जिसकी वजह से बौद्ध धम्म एवं बौद्ध समाज संतुष्ट नहीं है। उक्त बौद्ध धरोहर की वजह से हमारे देश का सम्मान पूरे विश्व में होता है।
ऐसी स्थिति में आपसे विनम्र अनुरोध है कि देश के सम्मान और बौद्ध स्थल एवं बौद्धों के विकास के लिये एक्ट 1949 में बदलाव कर निम्नानुसार बौद्ध समाज की मांग पर विचार किया जाऐ , यह कि बोधगया के प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने के लिए नए प्रावधान शामिल किए जाएं।
बोधगया के संरक्षण और विकास के लिए विशेष प्रावधान शामिल किए जाएं, जिनसे इस स्थल की महत्ता को सुरक्षित और संरक्षित किया जा सके। यह कि बोधगया के संरक्षण और विकास में स्थानीय बौद्ध समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रावधान किए जाएं , ताकि वे इस महान धरोहर के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
बोधगया के संरक्षण और विकास के लिए वित्तीय सहायता और अनुदान की व्यवस्था की जाए, ताकि इस स्थल की मरम्मत और संवर्धन के कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके। यह कि प्रमुख मांग है कि बोधगया महाविहार एक्शन कमेटी में सारे प्रतिनिधि बौद्ध हों और पूरा महाबोधि महाविहार का प्रशासन बौद्धों के अधीनस्थ हो हर धर्म का मंदिर उस धर्म के अनुयायियों के कब्जे में होना भारत का कानून कहता है इसलिए यह महाविहार बौद्धों के प्रबंधन में होना जरूरी है।
अतः श्रीमान् जी से सादर अनुरोध है कि उपरोक्त 5 सूत्रीय ज्ञापन मांग पत्र पर न्याय उचित कार्यवाही के आदेश पारित करने को कष्ट करें।