कानपुर। मोहम्मद उस्मान कुरैशी। विश्व ओ.आर.एस. सप्ताह (25 जुलाई से 31 जुलाई) के अवसर पर आज जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग स्कूल में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ओ.आर.एस. (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) के महत्व के प्रति छात्रों एवं आमजन को जागरूक करना रहा।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कार्यक्रम की शुरुआत नर्सिंग छात्रों के बीच आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं पोस्टर प्रेजेंटेशन से हुई, जिसमें कुल 120 नर्सिंग छात्रों ने सक्रिय भागीदारी की। प्रतिभागियों ने “ओ.आर.एस. का जीवन में महत्व” जैसे विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए तथा विभिन्न आकर्षक एवं ज्ञानवर्धक पोस्टरों के माध्यम से ओ.आर.एस. के प्रयोग को जन-जन तक पहुँचाने का संदेश दिया।
इसके अतिरिक्त, नर्सिंग छात्रों द्वारा एक नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया गया, जिसमें उन्होंने आम भाषा और सशक्त अभिनय के माध्यम से दर्शकों को यह समझाया कि दस्त व डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं में ओ.आर.एस. एक सरल, सुलभ व जीवनरक्षक उपाय है। यह नाटक उपस्थित सभी लोगों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक एवं शिक्षाप्रद रहा।
इस कार्यक्रम का संचालन नर्सिंग स्कूल की प्राचार्य डॉ. मीना सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में निर्णायक मंडल के रूप में उपस्थित रहे:
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. वी. एन. त्रिपाठी, अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स कानपुर की अध्यक्ष डॉ. रोली श्रीवास्तव, सचिव डॉ. अमितेश यादव
सभी निर्णायकों ने छात्रों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य में स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों से जुड़ने हेतु प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में स्कूल की प्रिंसिपल मीना सिंह, मिथलेश चौरसिया, ज्योति पाल, विनीता यादव, सलमा सुल्ताना, प्रीति दयाल, अनुपम यादव, रेशमा परवीन, निहारिका साहू, रीता रानी उपस्थित थी l कार्यक्रम के अंत में विजेताओं पुरुस्कार दिया गया l
इसी क्रम में, एक अन्य कार्यक्रम का आयोजन रामा मेडिकल कॉलेज, मंधना, कानपुर में एमबीबीएस छात्रों के बीच किया गया। इस कार्यक्रम में स्लोगन प्रतियोगिता एवं वाद-विवाद के माध्यम से छात्रों ने ओ.आर.एस. के महत्व को उजागर किया। “Sip Smart, Stay Strong – Say YES to ORS” जैसे सशक्त नारों के माध्यम से छात्रों ने यह संदेश दिया कि ओ.आर.एस. हर घर की प्राथमिक चिकित्सा किट का अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए।
इस अवसर पर डॉ. वी.के. टंडन एवं डॉ. राज तिलक द्वारा कार्यक्रम का कुशल संचालन किया गया। प्रतियोगिता में विभिन्न सेमेस्टर के लगभग 96 मेडिकल छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। कार्यक्रम में छात्रों द्वारा ओ.आर.एस. की वैज्ञानिकता, उपलब्धता, सही विधि से बनाने की प्रक्रिया एवं इसके उपयोग से बचाए जा सकने वाले जीवन पर प्रकाश डाला गया।
अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, कानपुर द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक रहा, अपितु समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। संस्थान द्वारा इस पूरे सप्ताह में विभिन्न स्थानों पर ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है।
अध्यक्ष डॉ. रोली श्रीवास्तव ने बताया कि – “ओ.आर.एस. एक जीवन रक्षक दवा है जो कम लागत में डिहाइड्रेशन से बचाव करती है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से हम आने वाली पीढ़ी को सही स्वास्थ्य संदेश देकर उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बना सकते हैं।”
सचिव डॉ. अमितेश यादव ने कहा – “हमारा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति तक यह संदेश पहुंचे कि दस्त से पीड़ित व्यक्ति को सबसे पहले और तुरंत ओ.आर.एस. दिया जाना चाहिए। यह जागरूकता ही सही उपचार की पहली कड़ी है।”
विश्व ओ.आर.एस. सप्ताह के अंतर्गत ऐसे जन-जागरूकता कार्यक्रम आगे भी विभिन्न विद्यालयों, कॉलेजों, अस्पतालों एवं सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित किए जाएंगे।