कुशीनगर।मोहम्मद अशफाक। नालंदा इंटरनेशनल स्कूल मथौली बाजार कुशीनगर में 22 अप्रैल पृथ्वी दिवस के अवसर पर स्कूल के बच्चों ने विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पृथ्वी और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न मॉडलों की प्रदर्शनी और पर्यावरण संरक्षण पर आधारित चित्र के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कार्यक्रम में विशेष रूप से विद्यालय के निदेशक डॉ. राज श्रीवास्तव प्रबंधक श्रीमती रागिनी श्रीवास्तव ने स्कूल के बच्चों को प्रोत्साहित किया। निर्देशक डॉ. राज श्रीवास्तव ने बताया कि पृथ्वी दिवस मनाने का मुख्य कारण पर्यावरण संबंधी मुद्दों जैसे प्रदूषण, वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन और लुप्तप्राय प्रजातियों के बारे में छात्रों के साथ साथ लोगों को भी जागरूक करना है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री मुरलीधर भगवत लाल, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पहला पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल, 1970 को मनाया गया था और इसे आधुनिक पर्यावरण आंदोलन की शुरुआत का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने बताया कि विश्व के लगभग 190 से अधिक देश आज के दिन को पृथ्वी दिवस के रूप में मनाते हैं। डॉ अरुण ने पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया।
पृथ्वी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विशेष रूप से नालंदा इंटरनेशनल स्कूल मथौली बाजार कुशीनगर की प्रधानाचार्या श्रीमती पूजा, मुकेश कुमार, प्रियंका श्रीवास्तव, मनोज कुमार, अभय कुमार सिंह, शकील अफगन के अतिरिक्त महाविद्यालय और विद्यालय के स्टाफ उपस्थित थे।