कानपुर।मोहम्मद उस्मान क़ुरैशी। धुआं खुद ब खुद हलक में चला जाए तो रोजा नहीं टूटता। ऑल इंडिया गरीब नवाज काउंसिल की ओर से माह-ए-स्याम हेल्पलाइन पर पूछे गए सवालों के शरई जवाब:
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!- क्या तरावीह की नमाज बैठकर पढ़ सकते हैं?
जवाब: नहीं, नमाज-ए-तरावीह सुन्नत-ए-मुअक्कदा है। और जो नमाज सुन्नत-ए-मुअक्कदा हो, उसे खड़े होकर पढ़ना फर्ज की तरह जरूरी होता है। इसलिए बिना किसी शरई मजबूरी के, और अगर कोई खड़े होकर पढ़ने में सक्षम है, तो तरावीह बैठकर पढ़ना जायज नहीं है।
- अगर रोजे की हालत में धुआं हलक में चला जाए, तो रोजा रहेगा या टूट जाएगा?
जवाब: अगर धुआं खुद-ब-खुद हलक में चला गया, तो रोजा नहीं टूटेगा। लेकिन अगर कोई जान-बूझकर धुआं हलक के नीचे उतारता है, तो रोजा टूट जाएगा।
- अगर किसी औरत को रोजा इफ्तार होने से कुछ पहले मासिक धर्म (एम सी) आ जाए, तो क्या उसका रोजा माना जाएगा?
जवाब: नहीं, उस दिन का रोजा नहीं माना जाएगा। रमजान के बाद उसकी कजा फर्ज होगी, क्योंकि मासिक धर्म की हालत में रोजा रखना पूरी तरह हराम है।
- अगर 10-11 साल के नाबालिग बच्चों ने रोजा रखा और बीच में तोड़ दिया, तो क्या उन्हें इसकी कजा करनी होगी?
जवाब: जब बच्चा 10 साल का हो जाए, तो उसे रोजा रखने के लिए कहा जाना चाहिए। लेकिन चूंकि वह अभी शरई तौर पर रोजा रखने का पाबंद नहीं है, इसलिए अगर उसने रोजा रखा और फिर तोड़ दिया, तो उस पर कजा करने का हुक्म नहीं होगा।
माहे स्याम हेल्पलाइन संपर्क नंबर:
- मुफ्ती मोहम्मद इलियास खां नूरी (मुफ्ती-ए-आजम, कानपुर): 9935366726
- मुफ्ती मोहम्मद हाशिम अशरफी: 9415064822
- मुफ्ती मोहम्मद महताब आलम कादरी मिस्बाही: 9044890301
- मौलाना फतेह मोहम्मद कादरी: 9918332871
- मुफ्ती महमूद हस्सान अख्तर अलीमी: 9161779931
- मौलाना कासिम अशरफी मिस्बाही (ऑफिस इंचार्ज): 8052277015
- मौलाना गुलाम हसन क़ादरी: 7897581967
- मुफ्ती गुल मोहम्मद जामई अशरफी: 8127135701
- मौलाना सुफियान अहमद मिस्बाही: 9519904761
- हाफिज मोहम्मद अरशद अली अशरफी: 8896406786
- इकबाल अहमद नूरी: 8795819161