कानपुर। मोहम्मद उस्मान कुरैशी। हज़रत सैयदना अलाउल हक़ वददीन यूसुफ़ उर्फ़ मख़दूम शाह आला रहमतुल्लाह अलैह का 767वाँ सालाना उर्स मुबारक पाकीज़ा माहौल में बड़े ही तज़्क व इहतिशाम और शान-ओ-शौकत के साथ जनाब अदनान राफे फारुकी सज्जादा नशीन आस्ताना हज़रत मखदूम शाह आला अलैहिर रहमाह की कयादत में मनाया गया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सुबह 11 बजे क़ुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई जिसमें मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफ़ी (इमाम ईदगाह गदियाना व क़ौमी सदर, आल इंडिया ग़रीब नवाज़ काउंसिल) ने मुल्क और
आलम-ए-इस्लाम की तरक्क़ी, ख़ुशहाली और हरियाली के लिए जब दुआ में हाथ उठाए तो चारों तरफ़ आमीन-आमीन की आवाज़ें गूंज उठीं और सबकी आँखें अश्क़बार हो गईं।
उन्होंने मुल्क में अमन-ओ-अमान, मोहब्बत, नफ़रतों के ख़ात्मे, ज़ुल्म से छुटकारा, ने गुनाहों की जेल से रिहाई और मज़हबी मक़ामात की हिफ़ाज़त के लिए लाखों अकीदतमंदों के बीच नम आँखों से दुआ की और फ़िर्क़ापरस्ती व दहशतगर्दी ( आतंकवाद) की सख़्त मज़म्मत की।
ख़िताब करते हुए मौलाना अशरफ़ी ने कहा पानी की एक-एक बूंद बचाओ, बिना ज़रूरत एक क़तरा भी बहाना जायज़ नहीं, फ़िज़ूल ख़र्च करने वाले शैतान के भाई हैं,बिजली भी बचाओ, यह सिर्फ़ नगर निगम और बिजली विभाग की ज़िम्मेदारी नहीं बल्कि हर शख़्स की ज़िम्मेदारी है
उन्होंने बताया कि दरगाह शरीफ़ इंतज़ामिया ने दरगाह के पूरब की सड़क किनारे ज़मीन पर मख़दूम पाक के नाम से समाज के फ़ायदे के लिए एक तालीमी इदारा और एक हॉस्पिटल बहुत जल्द क़ायम करने का ऐलान किया है।
मौलाना अशरफी ने कहा कि सोशल मीडिया पर ग़लत बातें और क़ुरआन की आयतों को बदलकर पेश किए जाने पर उन्होंने लोगों को आगाह किया और कहा कि इस्लाम का सही नुमाइंदा वही है जो क़ुरआन-हदीस की रौशनी में मसाइल हल करने की सलाहियत रखता हो उन्होंने अपील की कि इस बार 1500 सौ साला जश्ने ईद मिलादुन्नबी बड़े धूमधाम से मनाएँ।
ग़रीब बच्चों की फ़ीस, किताबों और यतीमों-मिस्कीनों की मदद का ख़ास इंतज़ाम करें जुलूस-ए- ईद मीलादुननबी में अदब-ओ-एहतराम का पूरा ख़याल रखें मौलाना अशरफ़ी ने दरख़्त और पौधे लगाने पर ज़ोर देते हुए कहा कि हर शख़्स को अपनी ज़िंदगी में कम से कम एक पौधा ज़रूर लगाना चाहिए, यह सदक़ा-ए-जारिया है जिसका सवाब क़ब्र तक पहुँचता रहेगा इल्म की अहमियत बताते हुए उन्होंने कहा:
“इल्म हासिल करो, क्योंकि ज़रूरत के मुताबिक इल्म हासिल करना हर मुसलमान मर्द और औरत पर फ़र्ज़ है। सरकार दो आलम ﷺ ने फ़रमाया कि इल्म हासिल करो चाहे इसके लिए तुम्हें चीन का सफ़र क्यों न करना पड़े दरगाह कमेटी के सरपरस्त इरशाद आलम और असद राफे फ़ारूक़ी ने जिला इंतजामिया,नगर निगम ,केस्को,जल निगम समेत लाखों ज़ाएरीन का शुक्रिया अदा किया।
क़ुल शरीफ़ की तक़रीब में कारी मोहम्मद अहमद अशरफ़ी, कारी इक़बाल बेग, कारी मोहम्मद अली अशरफ़ी, क़ारी ज़िया-उल-हक़, मौलाना ज़ाहिर अहमद, हाफ़िज़ मिनहाजुद्दीन क़ादरी और कारी फैसल अलीम,क़ारी जमील अहमद,क़ारी जमाल अहमद ने क़ुरआन पाक की तिलावत की इस मौके पर ख़ास तौर से हाजी अबरार अहमद, हाजी शबाब अहमद,हाजी हसन रूमी विधायक कैंट, हाफ़िज़ अब्दुर रहीम बहराइची,शहजाद अहमद, हाफ़िज़ मोहम्मद अरशद अली अशरफ़ी, समेत लाखों ज़ाएरीन मौजूद रहे