कानपुर।मोहम्मद उस्मान कुरैशी। तिलावत करता है लेकिन अमल नहीं करता, तो क्या तिलावत का सवाब मिलेगा? इसका और दूसरे अन्य प्रश्न के उत्तर इस प्रकार हैं.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!प्रश्न: यदि कोई व्यक्ति क़ुरआन मजीद की तिलावत करता है लेकिन उस पर अमल नहीं: करता, तो क्या उसे तिलावत का सवाब मिलेगा?
उत्तर: क़ुरआन मजीद की तिलावत स्वयं में सवाब का कार्य है, और तिलावत करने वाले को इसका इनाम मिलता है। हालांकि, क़ुरआन की शिक्षाओं पर अमल न करने के कारण गुनाह का खतरा भी रहता है। इसलिए, तिलावत के साथ-साथ क़ुरआन की शिक्षाओं पर अमल करना भी आवश्यक है।
प्रश्न: क्या महिला को ग़ुस्ल के दौरान अपनी चोटी खोलना फ़र्ज़ है?
उत्तर: ग़ुस्ल के दौरान महिला के लिए आवश्यक है कि वह अपने बालों की जड़ों तक पानी पहुंचाए। यदि चोटी इतनी कसकर गूंथी हुई हो कि बिना खोले पानी जड़ों तक न पहुंच सके, तो उसे खोलना ज़रूरी है।
प्रश्न: यदि किसी व्यक्ति को ‘अल-हम्द’ (सूरह फ़ातिहा) और एक-दो सूरहों के अलावा कुछ याद नहीं है, और वही सूरहें बार-बार पढ़कर नमाज़ और तरावीह पूरी करता है, तो क्या उसकी नमाज़ सही है?
उत्तर: फ़र्ज़, वाजिब और सुन्नत नमाज़ों या तरावीह में ‘अल-हम्द’ के बाद एक ही सूरह बार-बार पढ़ने से नमाज़ बिना किसी आपत्ति के अदा हो जाती है। हालांकि, उसे अन्य सूरहें याद करने की कोशिश करनी चाहिए।
प्रश्न: यदि किसी पुरुष ने बालों को गूंथा हुआ है, तो क्या ग़ुस्ल में उन्हें खोलना आवश्यक है?
उत्तर: पुरुष के लिए आवश्यक है कि गूंथे हुए बालों को खोलकर जड़
से सिरे तक पानी बहाए, वरना ग़ुस्ल फ़र्ज़ अदा नहीं होगा।
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