कानपुर। मोहम्मद उस्मान कुरैशी। भारतीय दलित पैंथर कानपुर नगर इकाई के तत्वावधान में रविवार को डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर प्रतिमा स्थल, कंपनी बाग चौराहा से “धम्म चेतना वाहन रैली” का भव्य आयोजन किया गया। यह रैली शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए नानाराव पार्क स्थित अंबेडकर प्रतिमा स्थल पर जाकर संपन्न हुई।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कार्यक्रम के संयोजक एवं भारतीय दलित पैंथर के प्रांतीय अध्यक्ष धनीराम पैंथर ने जनसमूह को संबोधित करते हुए बताया कि संगठन द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कृषि मंडी समिति, पुखरायां, कानपुर देहात में 32वें विशाल बौद्ध धम्म दीक्षा समारोह एवं डॉ. अंबेडकर मेला का आयोजन 2 अक्टूबर 2025 को किया जाएगा। इस अवसर पर सम्राट अशोक, तथागत गौतम बुद्ध और बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर की शोभा यात्रा निकाली जाएगी।
धनीराम पैंथर ने दावा किया कि इस आयोजन में करीब 10,000 लोग हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण करेंगे। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर के विचार आज भी समाज को नई दिशा देने का काम कर रहे हैं और इसी संदेश को आम जनता तक पहुँचाने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों की उपस्थिति रही। इनमें प्रमुख रूप से यशवंत सिंह यादव (संस्थापक), अशोक यादव (प्रदेश अध्यक्ष), साजिद सर, पास्टर जितेंद्र सिंह, इंजीनियर कोमल सिंह, डॉ. संजय गुप्ता, विनोद पाल, सुभाष साहू, हरिओम खन्ना, सुधीर कुमार, चंदन निषाद, एम.बी. गौतम, शैलेंद्र कुमार (प्रांतीय महासचिव), रमेश बौद्धाचार्य, डॉ. सुभाष चंद्र, आर.ए. गौतम, सतीश चंद्र, आनंद प्रकाश, शिव प्रताप बौद्ध, श्रवण कुमार, डॉ. जे.आर. बौद्ध, हरिश्चंद्र, लालजी गौतम सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
इसके अलावा विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े कार्यकर्ता और समर्थक भी कार्यक्रम में शामिल हुए। महिलाओं और युवाओं की उपस्थिति ने रैली को और सशक्त बनाया। मनीषा पैंथर, रानी दिवाकर, सुधा गौतम, अर्चना, सुनीता, पिंकी चंद्रा समेत बड़ी संख्या में महिला प्रतिनिधियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
रैली के दौरान डॉ. अंबेडकर के विचारों पर आधारित नारे गूंजते रहे। लोगों ने समानता, भाईचारा और बौद्ध धम्म की शिक्षाओं को अपनाने का संकल्प लिया।
“धम्म चेतना वाहन रैली” ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि डॉ. अंबेडकर के विचार आज भी समाज सुधार की राह दिखाने वाले हैं। आगामी 2 अक्टूबर को होने वाला बौद्ध धम्म दीक्षा समारोह इस दिशा में एक ऐतिहासिक आयोजन साबित हो सकता है।