“घर वापसी” एक ऐसी प्रथा को संदर्भित करता है, जिसमें भारत में हिंदू राष्ट्रवादी समूह इस्लाम या ईसाई जैसे अन्य धर्मों से लोगों को वापस हिंदू धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास करते हैं, अक्सर यह दावा किया जाता है कि ये लोग अपने पैतृक धर्म में “वापस लौट रहे हैं”
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!आर एस एस (RRS) एवं विश्व हिन्दू परिषद सभी भारतीयों को मूल रूप से हिंदू मानते हैं, इस प्रथा को जबरदस्ती के बारे में चिंताओं के कारण विवादास्पद माना जाता है और इसे अक्सर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जैसे संगठनों से जोड़ा जाता है।
पिछले कई दहाइयों से भारत में यह एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है , जिसके कारण देश और प्रदेशों की राजनीति में काफी उथल पुथल देखने को मिला है, घर वापसी के नाम पर सबसे ज्यादा मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जाता है एक रिपोर्ट के अनुसार अभी तक पूरे भारत में 8 लाख से अधिक मुस्लिम लड़कियों की घर वापसी कराइ जा चुकी है,
एक योजनाबद्ध तरीके से घर वापसी में तेज़ी लाई जा रही है, अभी पिछले हफ्ते जौनपुर से मिली खबर अनुसार जनपद के एक गावं में कुछ मुस्लिम परिवारों ने अपने नाम के साथ हिन्दू सर नेम जोड़ लिए हैं, खबर यह भी है कि अब ऐसे परिवार जिन्होंने अपने सरनेम हिन्दू रख लिए हैं अब वह सभी मंद्रों में जा कर हिन्दू पूजा पद्दिती को भी अपना रहे हैं
इस तरह की खबरें कई अन्य जनपदों से भी प्राप्त हुई हैं , दन प्रतिदिन इस में तेज़ी भी देखि जा रही है इस तरह धर्मान्तरण के पीछे आर्थिक सहायता एवं डर को बड़ा कारण माना जा रहा है,
देश और प्रदेश की राजनीती में जिस तरह हिंदुत्वा का वर्चस्व बड़ा है उससे अल्पसंख्यक विशेष कर मुस्लिम समुदाय में भय और डर का माहोल उत्पन्न हो गया है जिस के कारण जान की अमान के खातिर मुसलमानों के एक तबके एन घर वापसी तेज़ी से पैर पसार रही है जो भारतीय मुस्लिम समुदाय के लिए चिंता का गहरा कारण बनता जा रहा है |