डॉ. अम्मार रिज़वी ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के कदम की सराहना की
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लखनऊ (अबूशहमा अंसारी)पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री, पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. अम्मार रिज़वी ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के इस बड़े और दूरगामी फैसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय को दिली बधाई दी है। इस निर्णय के तहत अब प्रदेश के मदरसों में कामिल और फाज़िल जैसे उच्च शैक्षणिक कोर्स की मंज़ूरी सीधे विश्वविद्यालयों के माध्यम से दी जाएगी।
डॉ. अम्मार रिज़वी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता और जन-हितैषी नीतियों के माध्यम से एक बार फिर यह साबित किया है कि वे प्रदेश के हर तबके की शैक्षणिक और सामाजिक तरक्की के प्रति गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ का यह कदम न सिर्फ़ हज़ारों विद्यार्थियों की डिग्रियों को सुरक्षित करेगा बल्कि मदरसा शिक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय धारा में शामिल करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमेशा शिक्षा के विस्तार और युवाओं को सशक्त बनाने को अपनी प्राथमिकता बनाया है, और यह फ़ैसला उनके विज़न की वास्तविक अभिव्यक्ति है। डॉ. रिज़वी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने जिस साहस, दूरअंदेशी और सबको साथ लेकर चलने वाली सोच का परिचय दिया है, वह सराहनीय है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्ज्वल मिसाल है।
पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. अम्मार रिज़वी ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय की भूमिका की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी निरंतर मेहनत और समय पर की गई कोशिशों का ही परिणाम है कि अब मदरसा छात्र आसानी से विश्वविद्यालय से जुड़ी उच्च शिक्षा की ओर कदम बढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की संयुक्त रणनीति समय की अहम ज़रूरत है और इस फ़ैसले से शिक्षा की गुणवत्ता पर निगरानी बेहतर होगी, साथ ही कामिल और फाज़िल की डिग्रियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मान्यता प्राप्त होगी।
डॉ. अम्मार रिज़वी ने उम्मीद जताई कि प्रदेश के सभी जिलों में स्थित मदरसे समय पर विश्वविद्यालयों से संबद्धता की प्रक्रिया पूरी करेंगे, ताकि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से विद्यार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समाज के युवाओं को उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना सरकार और समाज दोनों की साझा जिम्मेदारी है, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह फ़ैसला उसी दिशा में एक सुनहरा और ऐतिहासिक क़दम है।