कानपुर। मोहम्मद उस्मान कुरैशी। 29 जुलाई को हर वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा विश्व ओ.आर.एस. दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य दस्त (डायरिया) जैसी सामान्य परंतु घातक बीमारी के प्रति जनजागरूकता फैलाना और ओ.आर.एस. (ORS – Oral Rehydration Solution) के महत्व को जन-जन तक पहुँचाना है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इसी क्रम में 29 जुलाई 2025 को अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, कानपुर द्वारा भी शहर भर में विभिन्न जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनका उद्देश्य आमजन को ओ.आर.एस. के सरल उपयोग एवं उसके जीवन रक्षक प्रभावों से अवगत कराना रहा।
कार्यक्रमों की शुरुआत जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के ओपीडी ब्लॉक से हुई, जहां अकादमी के सचिव डॉ. अमितेश यादव द्वारा मरीजों एवं उनके परिजनों को ओ.आर.एस. के पैकेट वितरित किए गए। इस दौरान उन्होंने लोगों को डायरिया के सामान्य लक्षण, ओ.आर.एस. के लाभ, सेवन की विधि और घर पर ओ.आर.एस. घोल बनाने का तरीका सहज और सरल भाषा में समझाया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मरीजों और परिजनों ने भाग लिया और इस उपयोगी जानकारी को सराहा।
इसके पश्चात सीएचसी कल्याणपुर में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. अविनाश की निगरानी में जागरूकता शिविर आयोजित किया गया, जिसमें 42 एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। उन्हें सामुदायिक स्तर पर दस्त के मामलों में पहचान, प्राथमिक उपचार और ओ.आर.एस. के महत्व पर प्रशिक्षित किया गया, ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को शिक्षित कर सकें।
रेनबो हॉस्पिटल, तिलक नगर में नर्सिंग स्टाफ हेतु विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इसमें अकादमी की अध्यक्ष डॉ. रोली श्रीवास्तव एवं वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अम्बरीश गुप्ता ने 32 नर्सिंग कर्मियों को ओ.आर.एस. के व्यावहारिक उपयोग एवं देखभाल के उपायों पर प्रशिक्षण प्रदान किया। प्रशिक्षण में यह बताया गया कि कैसे डायरिया के दौरान बच्चों और रोगियों की समुचित देखभाल की जा सकती है।
इसी क्रम में काशीराम हॉस्पिटल में डॉ. श्रुति द्वारा ओ.आर.एस. जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में पैरामेडिकल स्टाफ और बच्चों के अभिभावकों को ओ.आर.एस. के महत्व, सही उपयोग और समय पर इसके सेवन के लाभों की जानकारी दी गई।
अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, कानपुर द्वारा केवल अस्पतालों तक ही सीमित न रहकर, शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों जैसे रोडवेज बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, ऑटो स्टैंड्स, प्रमुख चौराहों और बाजारों में भी ओ.आर.एस. जागरूकता कैंप लगाए गए। इन स्थानों पर आम लोगों को पर्चे वितरित किए गए, पोस्टर लगाए गए, और विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा उन्हें ओ.आर.एस. घोल बनाने की विधि, सेवन का समय तथा दस्त के दौरान सही खानपान के बारे में जानकारी दी गई। इस जनजागरूकता अभियान को लोगों ने खूब सराहा और उत्साह से भाग भी लिया।
इन सभी प्रयासों के माध्यम से अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, कानपुर ने यह सशक्त संदेश दिया कि
“ओ.आर.एस. एक सस्ता, सुलभ, प्रभावी और जीवन रक्षक उपाय है, जो डायरिया जैसी गंभीर स्थिति में मृत्यु दर को कम करने में अहम भूमिका निभाता है।”
इस आयोजन में डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, मेडिकल छात्र, स्वास्थ्य कार्यकर्ता व स्वयंसेवकों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई, जिससे यह आयोजन व्यापक और प्रभावशाली सिद्ध हुआ।
विश्व ओ.आर.एस. सप्ताह (25 जुलाई से 31 जुलाई) के अंतर्गत अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, कानपुर द्वारा आने वाले दिनों में भी स्कूलों, बस्तियों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता गतिविधियाँ जारी रहेंगी।
यह प्रयास निश्चित ही समाज को एक स्वास्थ्य-सजग दिशा में ले जाने में सहायक सिद्ध होंगे और दस्त जैसी बीमारियों से बचाव के प्रति लोगों में व्यवहार परिवर्तन लाने में सफल होंगे।