जाजमऊ, कानपुर। मोहम्मद उस्मान कुरैशी। मस्जिद अल्लाह हो अकबर जाजमऊ के पूर्व इमाम मौलाना अज़हर अब्बास साहब की बेटी सानिया नक़वी ने शैक्षिक क्षेत्र में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करके न केवल अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे जाजमऊ समुदाय के लिए गर्व का पल लाया है। सानिया ने सीबीएसई (CBSE) बोर्ड की हाई स्कूल परीक्षा में 95.8% अंक प्राप्त करके अपने स्कूल, सुपर इंटरनेशनल स्कूल, को भी गौरवान्वित किया है।
मेहनत और अनुशासन ही सफलता का मंत्र
टॉपर सानिया नक़वी ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी ईमानदारी और नियमित मेहनत को दिया। उन्होंने बताया कि वह पूरे समर्पण के साथ पढ़ाई करती थीं और सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखकर अपना ध्यान केवल शिक्षा पर केंद्रित रखा। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा से अनुशासन में रहकर पढ़ाई की है। मेरे माता-पिता और शिक्षकों का मार्गदर्शन मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा। मैंने कभी भी सोशल मीडिया को अपनी पढ़ाई में बाधा नहीं बनने दिया।”
माता-पिता और शिक्षकों का सहयोग
सानिया के पिता मौलाना अज़हर अब्बास साहब, जो जाजमऊ की मस्जिद अल्लाह हो अकबर के पूर्व इमाम रह चुके हैं, ने बेटी की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। उन्होंने कहा, “हमने हमेशा उसे अच्छी शिक्षा दिलाने का प्रयास किया और आज उसकी मेहनत रंग लाई है।” सानिया की माता ने भी उसकी लगन और मेहनत की सराहना की।
सुपर इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों ने भी सानिया की उपलब्धि पर उसे बधाई दी और कहा कि वह एक मेधावी और अनुशासित छात्रा रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी वह इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।
भविष्य की योजनाएँ
सानिया ने बताया कि वह भविष्य में विज्ञान के क्षेत्र में आगे की पढ़ाई करना चाहती हैं और डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करने का सपना देखती हैं। उनकी इस सफलता ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा का काम किया है।
समाज की प्रतिक्रिया
सानिया की इस उपलब्धि पर जाजमऊ के स्थानीय निवासियों और समाज के लोगों ने खुशी जाहिर की है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें बधाईयाँ दी हैं और उनकी मेहनत को सलाम किया है। यह सफलता न केवल एक छात्रा की व्यक्तिगत जीत है, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए एक संदेश है जो मेहनत और लगन से बड़े लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं।
सानिया नक़वी की यह सफलता साबित करती है कि मेहनत, अनुशासन और सही मार्गदर्शन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है।