कानपुर।मोहम्मद उस्मान कुरैशी। एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स कानपुर एवं रामा मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में विश्व ओबेसिटी दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य मोटापे की समस्या, उसके कारणों, प्रभावों एवं रोकथाम के उपायों पर जागरूकता बढ़ाना था।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कार्यक्रम का शुभारंभ बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. विष्णु टंडन द्वारा किया गया, जबकि संचालन का दायित्व डॉ. राज तिलक ने निभाया। कार्यशाला में पूर्व महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. वी. एन. त्रिपाठी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने मोटापे की वैश्विक समस्या पर प्रकाश डालते हुए इसके कारणों, दुष्प्रभावों और रोकथाम के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि अस्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी और तनाव मोटापे के मुख्य कारण हैं। उन्होंने इसे रोकने के लिए स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार एवं नियमित व्यायाम को अनिवार्य बताया।
विश्व ओबेसिटी दिवस पर डॉ. आलोक गुप्ता, डॉ. अर्चना, डॉ. अंजू, डॉ. संगीता, डॉ. देवाशीष पाढ़ी एवं आयुर्वेद कॉलेज से डॉ. गुरु प्रसाद ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी विशेषज्ञों ने मोटापे के बढ़ते प्रभाव, विशेषकर बच्चों और युवाओं में इसकी बढ़ती प्रवृत्ति, और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग पर चर्चा की।
कार्यशाला में लगभग 75 एमबीबीएस विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिन्होंने मोटापे की रोकथाम एवं इसके प्रबंधन से संबंधित अपने विचार साझा किए।
इस वर्ष विश्व मोटापा दिवस का स्लोगन था –”मूव टुवर्डस ए हेल्दियर यू ” जिसमें यह संदेश दिया गया कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर मोटापे से बचा जा सकता है।
कार्यशाला में मोटापा रोकथाम, स्वस्थ आहार, व्यायाम के लाभ, मानसिक स्वास्थ्य और जीवनशैली में बदलाव पर विस्तार से चर्चा की गई। यह कार्यशाला विद्यार्थियों एवं चिकित्सकों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक रही, और सभी ने अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ आदतों को अपनाने का संकल्प लिया।