बाराबंकी। अबूशहमा अंसारी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया विभाग ने आगामी 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए संगठनात्मक स्तर पर मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग की प्रदेश अध्यक्ष पंखुड़ी पाठक ने विभिन्न जिलों में विधानसभा और ब्लॉक स्तर पर नए पदाधिकारियों की घोषणा की, जिनका उद्देश्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर पार्टी की पहुँच को और अधिक प्रभावशाली बनाना है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बाराबंकी ज़िले से जिन कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया विभाग में अहम ज़िम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं, उनमें कुर्सी विधानसभा से कन्हैयालाल रावत, रामनगर से रवींद्र कुमार, बाराबंकी विधानसभा से औन मियां, हैदरगढ़ से शेर मोहम्मद, और ज़ैदपुर से मोहम्मद वैस अंसारी शामिल हैं। इन सभी को उनके संबंधित क्षेत्रों में विधानसभा सोशल मीडिया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी.एल. पुनिया ने इन नियुक्तियों का स्वागत करते हुए सभी नवचयनित पदाधिकारियों को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी के सोशल मीडिया फ्रंट की भूमिका आज की राजनीति में बेहद अहम है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि ये नई टीम पार्टी की विचारधारा, नीतियों और जनहित के कार्यक्रमों को जनता तक प्रभावशाली ढंग से पहुँचाने में सफल होगी।
बाराबंकी जिले में सोशल मीडिया विभाग की कमान पहले से ही मोहम्मद ज़ीशान के पास है, जो जिला सोशल मीडिया अध्यक्ष के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह नियुक्तियाँ हमारी टीम को नई ऊर्जा और सशक्त दिशा प्रदान करेंगी। चयनित सभी कार्यकर्ता लंबे समय से संगठन से जुड़े हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस की आवाज़ को जन-जन तक पहुँचाने में जुटे रहेंगे।
उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पंखुड़ी पाठक के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने बाराबंकी जिले की टीम पर जो भरोसा जताया है, हम उसे अपने समर्पण और कार्यकुशलता से पूरी तरह निभाएँगे।
नवनियुक्त पदाधिकारियों ने भी कांग्रेस नेतृत्व का धन्यवाद करते हुए भरोसा दिलाया कि वे पूरी ईमानदारी, मेहनत और लगन से अपनी जिम्मेदारियों को निभाएँगे और पार्टी संगठन को हर स्तर पर मज़बूत करेंगे।
ये नियुक्तियाँ न केवल कांग्रेस के युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने की दिशा में एक सशक्त पहल हैं, बल्कि सोशल मीडिया के मोर्चे पर पार्टी को मजबूत करने की रणनीति का भी हिस्सा हैं। आगामी विधानसभा चुनावों में इन नियुक्तियों की भूमिका निर्णायक साबित हो सकती है।