सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश | 4 फरवरी, 2025|मोहम्मद शाबान
उत्तर प्रदेश वित्तविहीन शिक्षक महासभा ने राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए बुधवार, 5 फरवरी, 2025 को जिला विद्यालय निरीक्षक को ज्ञापन सौंपने और विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। यह कदम वित्तविहीन प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और कर्मचारियों की सेवा शर्तों से जुड़े मसौदे को तैयार करने में हुई देरी के खिलाफ उठाया गया है। अगस्त 2024 में जारी सरकारी आदेश के बावजूद, गठित समिति ने अब तक कोई प्रगति नहीं दिखाई है।
मुख्य बिंदु:
- कार्यक्रम: जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय, सिद्धार्थनगर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
- तिथि व समय: 5 फरवरी, 2025 (बुधवार), सुबह 11:00 बजे।
- स्थान: जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय, सिद्धार्थनगर।
पृष्ठभूमि:
यह विरोध प्रदर्शन सरकारी आदेश संख्या 2363/15-8-2024-3023/2012 (28 अगस्त, 2024) के अनुपालन में किया जा रहा है, जिसमें वित्तविहीन शिक्षकों और कर्मचारियों की सेवा शर्तों का मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, समिति की ओर से किसी प्रगति की कमी के चलते महासभा ने सत्याग्रह करने का निर्णय लिया है।
प्रदेश महासचिव व पूर्व विधान परिषद प्रत्याशी श्री देशबंधु शुक्ला इस ज्ञापन सौंपने के कार्यक्रम में शामिल होंगे। यह ज्ञापन बाद में शिक्षा निदेशक और लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश सरकार के अध्यक्ष को भेजा जाएगा।
ताज़ा घटनाक्रम:
3 फरवरी, 2025 को महासभा के प्रधान सचिव जियारत हुसैन ने पत्रांक संख्या 8/2025 के माध्यम से शिक्षा निदेशक को समिति की निष्क्रियता से अवगत कराया। शिक्षा निदेशक ने 15 फरवरी, 2025 तक मसौदा तैयार कराने का आश्वासन दिया, लेकिन महासभा ने जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विरोध प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है।
वित्तविहीन शिक्षक महासभा की अपील:
वित्तविहीन शिक्षक महासभा जिला अध्यक्ष श्याम नंदन शुक्ला ने सिद्धार्थनगर के सभी वित्तविहीन शिक्षकों और कर्मचारियों से 5 फरवरी को सुबह 11:00 बजे तक जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पहुंचने की अपील की है। उन्होंने कहा, “यह विरोध हमारे अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। हर सदस्य को इसमें शामिल होकर सामूहिक आवाज़ मजबूत करनी चाहिए।”
वित्तविहीन शिक्षक महासभा की रणनीति:
महासभा ने चेतावनी दी है कि यदि 15 फरवरी तक मसौदा तैयार नहीं हुआ, तो बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस मुद्दे पर अपडेट्स महासभा के आधिकारिक चैनलों के माध्यम से साझा किए जाएंगे