वार्षिक परीक्षा के बाद मदरसा छात्र-छात्राएं अपने घरों को रवाना
कानपुर: (मोहम्मद उस्मान कुरैशी) देश के प्रसिद्ध दीनी मदरसे जामे उल उलूम जामा मस्जिद, जामिया आयशा सिद्दीक़ा पटकापुर व शाहीन अकादमी मदरसा प्लस में वार्षिक परीक्षा के बाद वार्षिक अवकाश का ऐलान हो गया। मुहीउद्दीन खुसरू ताज ने घरों के लिये रवाना हो रहे छात्र-छात्राओं को नसीहत करते हुए कहा कि जिस तरह मदरसें में रह कर अपने शिक्षकों की निगरानी में नमाज़ों की पाबन्दी, कुरआन की तिलावत और शैक्षिक गतिविधियों में व्यस्त रहे, अपने घरों पर भी जाकर इसी तरह सलीक़े और तहज़ीब का प्रदर्शन करें।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!अपने मां-बाप की खूब खिदमत करें। यात्रा के दौरान विशेष एहतियात बरतें, अपने गंतव्य पर पहुंच कर संरक्षकों, शिक्षकों और ज़िम्मेदारों को सूचित करें, किसी भी तरह की समस्या होने पर खुद कोई निर्णय लेने से पूर्व फौरन अपने बड़ों को सूचित करें। मदरसे में 9 अप्रैल तक छुट्टी रहेगी। 10 शव्वाल मुताबिक 9 अप्रैल दिन बुधवार से दोबारा शैक्षिक गतिविधियां शुरू हो जायेंगी। जिस तरह आप अपने घरों को जा रहे हैं, उसी तरह समय पर वापस अपने मदरसे में हाज़िर हो जायें।
नाज़िमे तालीमात मौलाना मुहम्मद सईद क़ासमी ने रवाना होने वाले बच्चों से कहा कि घर में रहने के दौरान समय बर्बाद करने से बचें। अपने सबक़ दोहराते रहें, पिछला याद करें। मदरसा जामे उल उलूम के नाज़िमे इम्तिहान मुफ्ती अब्दुर्रशीद क़ासमी ने कहा कि मदरसे में 1 फरवरी से शुरू होकर आज 12 फरवरी बरोज़ बुध को बेहद पारदर्शिता के साथ वार्षिक परीक्षा सम्पन्न हुई। इसके अलावा मुफ्ती अमीरुल्लाह क़ासमी ने भी बच्चों को नसीहतों से नवाज़ा।
जामिया आयशा के नाज़िम मौलाना मुहम्मद अरशद क़ासमी ने बताया कि जामिया आयशा में 18 फरवरी को रविवार को वार्षिक परीक्षा सम्पन्न हुई, जिसके बाद छात्राएं अपने संरक्षकों के साथ घरों के लिये रवाना हो गईं।
शाहीन अकादमी मदरसा प्लस के इंचार्ज मौलाना मुहम्मद आसिफ क़ासमी ने बताया कि मदरसा प्लस की कक्षा में अधिकांश बच्चे हाफिज़ हैं, जिन्हें रमज़ान में तरावीह सुनाने और सुनने की तैयारी करनी हैं। इसको देखते हुए मदरसा प्लस के बच्चों को घर जाने की अनुमति दी गई है, इस दौरान उनकी आनलाइन क्लासेज़ जारी रहेंगी। 5 अप्रैल से दोबारा आफलाइन क्लासेज़ शुरू हो जायेंगी।
घरों को रवाना हो रहे बच्चों के चेहरों पर खुशी साफ तौर पर देखी जा सकती थी, इस वर्ष मदरसे से फारिग़ हुए उलेमा और मुफ्ती हज़रात एक दूसरे को गले लगाकर पूर्व में हुई गलतियों की माफी और मदरसे में गुज़ारे वक़्त को याद करके नम आंखों से रवाना हुए।