कानपुर। मोहम्मद उस्मान कुरैशी। प्रकृति सहयोग फोरम नामक स्वयंसेवी संस्था ने कानपुर जिला कारागार में जुर्माना न भर पाने के कारण अतिरिक्त सजा काट रहे 6 सिद्धदोष बंदियों को जुर्माना जमा करवाकर आज रिहा कराया। इन कैदियों ने अपनी मूल सजा पूरी कर ली थी, लेकिन आर्थिक अभाव के चलते जेल में ही थे।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मुख्य बिंदु:
- स्वयंसेवी पहल: प्रकृति सहयोग फोरम, कानपुर ने कैदियों के जुर्माने का भुगतान कर उनकी रिहाई सुनिश्चित की।
- जेल प्रशासन का सहयोग: कारागार अधीक्षक डॉ. बी.डी. पाण्डेय ने बताया कि ये सभी कैदी “अर्थदंड व्यतिक्रम” की सजा भुगत रहे थे।
- पारदर्शिता: रिहा हुए बंदियों पर कोई अन्य लंबित मामला नहीं था।
🔹 कौन थे रिहा हुए कैदी?
निम्नलिखित बंदियों को संस्था ने जुर्माना जमा करवाकर आजादी दिलाई:
नाम | निवासी | मूल सजा | जुर्माना राशि |
---|---|---|---|
शिवा शुक्ला उर्फ शुभम | सीसामऊ, कानपुर नगर | जेल अवधि पूर्ण | ₹1,500 |
दामोदर लाल | श्रीराम कालोनी, गुना | 1 वर्ष 6 माह | ₹2,000 |
संजय कुमार | चन्दूपुर, कानपुर नगर | 1 वर्ष | ₹1,000 |
मुत्तू | तिरूवेन-रूम्बुर, तमिलनाडु | 3 वर्ष 8 माह | ₹3,000 |
मो० समीम | बेकनगंज, कानपुर नगर | 1 वर्ष 5 माह | ₹2,500 |
शिवम उर्फ गोलू श्रीवास्तव | रतनपुर, कानपुर नगर | 2 वर्ष 1 माह | ₹5,000 |
उपस्थित लोग:
रिहाई के समय प्रकृति सहयोग फोरम की ओर से एडवोकेट सैयद नजम, नवाज मोहम्मद सलीम, सैयद खालिद, सैयद आसिफ अली, मो० तारिक शकील व फैज खालिद मौजूद रहे। जेल प्रशासन में जेलर मनीश कुमार, डिप्टी जेलर अरुण कुमार सिंह, कमल चंद्र व प्रदीप कुमार सिंह उपस्थित थे।
“यह पहल समाज की उन खामियों की ओर इशारा करती है जहाँ गरीबी के कारण लोग न्याय प्रक्रिया में फँस जाते हैं। स्वयंसेवी संगठनों का यह कदम मानवीय दृष्टिकोण की मिसाल है।”