अपार आईडी सरकार की पहल अच्छी है। प्रशासन का अमल भी अच्छा होना चाहिए। शिक्षा विभाग छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाए। पर उनकी छोटी-बड़ी समस्याएं भी सुलझाए। अपार आईडी बनाने में जो भी खामियां सामने आए उसे दूर कराए। यह ध्यान रखे कि आज की चूक कल गंभीर समस्या न बन जाए। दशक-दो दशक बाद ‘जालसाजों’ की बड़ी फौज न खड़ी हो जाए। जो मासूम आज आधार कार्ड बनवाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं वे खुद को बेगुनाह बताने के लिए दर-ब-दर गुहार लगाएं।
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शासन की पहल पर प्रशासन अमल कर रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाई जा रही है। अपार आईडी बनाने में उनका आधार कार्ड जरूरी माना जा रहा है। स्कूल-कॉलेज प्रशासन उनका और उनके अभिभावकों का आधार कार्ड मांग रहा है। उसके ही आधार पर अपार आईडी तैयार की जा रही है। स्कूल-कॉलेजों द्वारा आधार कार्ड मांगे जाने पर कुछ छात्र-छात्राएं उपलब्ध ही नहीं करा पा रहे हैं। उनके आधार कार्ड बने ही नहीं हैं। वे आधार कार्ड बनवाने के लिए सम्बंधित कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं।
ठंड के महीने में घंटों लाइन में लगकर पसीना से तर-ब-तर हो जा रहे हैं। कुछ छात्र-छात्राएं आधार कार्ड उपलब्ध करा रहे हैं लेकिन उन पर दर्ज सूचनाएं स्कूल-कॉलेजों के अभिलेखों में दर्ज सूचनाओं से मेल नहीं खा रही हैं। ऐसे में भी अपार आईडी नहीं बन पा रही है। कई छात्र-छात्रा ऐसे सामने आ रहे हैं जिनके नाम की स्पेलिंग में अंतर आ जा रही है। कुछ की जन्मतिथियों में बदलाव है। इस वजह से भी अपार आईडी नहीं बन पा रही है।
स्कूल-कॉलेज प्रशासन ऐसे छात्र-छात्राओं को रजिस्ट्रेशन और छात्र पंजिका संख्या से उनसे सम्बंधित सूचनाएं उपलब्ध करा रहे हैं और उसी के अनुरूप आधार कार्ड में संशोधन कराने की सलाह दे रहे हैं। आधार कार्ड पर दर्ज सूचनाओं में संशोधन कराने के लिए छात्र-छात्राओं को दुबारा दौड़ लगानी पड़ रही है। कुछ संशोधन कराने में सफल हो जा रहे हैं लेकिन कुछ, प्रपत्रों की कमी की वजह से दौड़ते रह जा रहे हैं। स्कूल-कॉलेजों में पहले छात्र-छात्राओं का यू डॉयस तैयार किया जाता था।
इस दौरान उनके बारे में दर्जनों सूचनाएं दर्ज की जाती थीं। मसलन छात्र-छात्रा का नाम, माता-पिता का नाम, पता, मोबाइल नम्बर, लम्बाई, वजन, ब्लड ग्रूप, विद्यालय से घर की दूरी, अभिभावक कितने शिक्षित हैं, आदि सूचनाएं दर्ज की जा रही थीं। अब यू डॉयस में दर्ज सूचनाओं के आधार पर ही अपार आईडी तैयार की जा रही है। आधार कार्ड में दर्ज सूचनाओं के मिलान में कोई अंतर आने पर दिक्कत खड़ी हो जा रही है।
इन तमाम दिक्कतों के बीच यह जरूरी हो गया है कि छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाने में आ रही दिक्कतों को हर-हाल में दूर कर दिया जाए। आज की लापरवाही भविष्य में उनके लिए मुसबीत बन जाएगी। उनके बेहतर भविष्य में बाधा पहुंचाएगी।
लेख- अरविन्द राय, वरिष्ठ पत्रकार, हिन्दुस्तान