अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद: एक परिचय
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) भारत का एक प्रमुख छात्र संगठन है, जिसकी स्थापना 1949 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के छात्र विंग के रूप में हुई। यह संगठन “राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका” के विचार पर केंद्रित है और भारतीय संस्कृति, शिक्षा सुधार, और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने की बात करता है। एक अंदाज़े के अनुसार ABVP देश के 3,000 से अधिक कॉलेजों एवं शिक्षण संस्थानों में सक्रिय है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दुनिया के सबसे बड़े छात्र संगठन माना जाता है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का इतिहास:
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की अधिकारिक वेबसाइट के अनुसार ABVP की स्थापना 9 जुलाई 1949 को मुंबई में हुई। अन्य सोर्स के अनुसार आरएसएस कार्यकर्ता बलराज मधोक की पहल पर 1948 में एबीवीपी को स्थापित किया गया था तथा औपचारिक रूप से 9 जुलाई 1949 को पंजीकृत किया गया
संस्थापक:
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के संस्थापकों में प्रमुख रूप से RSS कार्यकर्ता यशवंत राव केलकर शामिल थे। संगठन का उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रवादी विचारधारा से जोड़ना और शिक्षा प्रणाली में “भारतीयता” को स्थापित करना एवं विश्वविद्यालय परिसरों पर कम्युनिस्ट प्रभाव का मुकाबला करना था। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 1970-80 के दशक में ABVP ने आपातकाल विरोधी आंदोलन और शिक्षा नीतियों के खिलाफ प्रदर्शनों में अग्रणी भूमिका निभाई थी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) भारत के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में सक्रिय है, विशेष रूप से निम्नलिखित संस्थानों में इसकी मजबूत उपस्थिति है:
- दिल्ली विश्वविद्यालय (DU):
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों और छात्रसंघ चुनावों में ABVP का काफी प्रभाव रहता है। सेंट स्टीफन्स, हिंदू कॉलेज, और रामजस कॉलेज जैसे प्रमुख कॉलेजों में यह सक्रिय है। - जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), दिल्ली:
JNU में छात्र राजनीति का प्रमुख केंद्र है, जहाँ ABVP अन्य वामपंथी संगठनों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए सक्रिय रहती है। - बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी:
BHU में ABVP का ऐतिहासिक प्रभाव है, और यहाँ के छात्र संघ चुनावों में इसकी भागीदारी प्रमुख होती है। - अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU):
हाल के वर्षों में AMU में ABVP ने अपनी उपस्थिति बढ़ाई है, हालाँकि यहाँ अन्य छात्र संगठनों से चुनौती मिलती है। - जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता:
पश्चिम बंगाल में वामपंथी प्रभुत्व के बावजूद, ABVP ने हाल में यहाँ अपनी गतिविधियाँ तेज की हैं। - हैदराबाद विश्वविद्यालय (HCU):
दक्षिण भारत में HCU छात्र राजनीति का अहम केंद्र है, जहाँ ABVP सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर सक्रिय है। - पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़:
उत्तर भारत के इस प्रमुख विश्वविद्यालय में ABVP छात्र हितों और राष्ट्रवादी अभियानों पर केंद्रित है। - राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर:
राजस्थान में छात्र संगठन के रूप में ABVP की मजबूत पहचान है। - आईआईटी (IITs) और एनआईटी (NITs):
तकनीकी संस्थानों जैसे IIT दिल्ली, IIT मुंबई, और NIT सुरत में ABVP शैक्षणिक सुधार और राष्ट्रीय एकता के मुद्दों पर काम करती है। - चिकित्सा और कानून संस्थान:
AIIMS (दिल्ली), मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, और राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालयों (NLUs) में भी ABVP सक्रिय है।
ABVP की गतिविधियाँ प्रायः छात्र कल्याण, शिक्षा व्यवस्था में सुधार, और राष्ट्रवादी विचारों के प्रचार पर केंद्रित होती हैं। यह संगठन उत्तर और मध्य भारत में अधिक प्रभावी है, लेकिन पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में भी इसका विस्तार जारी है। हालाँकि, कई संस्थानों में इसके विचारों और तरीकों को लेकर विवाद भी देखे जाते हैं।
उद्देश्य और गतिविधियाँ
- राष्ट्रवादी शिक्षा: ABVP पाठ्यक्रम में भारतीय इतिहास, दर्शन, और विज्ञान को प्राथमिकता देने की वकालत करता है।
- छात्र हित: यह शिक्षा शुल्क में कमी, बेहतर छात्रावास, और रोजगारोन्मुखी शिक्षा के लिए आवाज उठाता है।
- सामाजिक सेवा: ABVP ने बाढ़, भूकंप, और COVID-19 जैसी आपदाओं के दौरान राहत कार्य किए हैं।
- राष्ट्रीय सुरक्षा: यह संगठन देश की सीमाओं और संप्रभुता के मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाता है, जैसे कश्मीर और चीन-भारत सीमा विवाद पर।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का विवादित पहलु:
ABVP पर अक्सर “विचारधारात्मक जबरदस्ती” और हिंसक प्रदर्शनों का आरोप लगता है। 2017 में दिल्ली के रामजस कॉलेज में हुए हिंसक झड़पों और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में “देशद्रोही” नारों के विरोध में ABVP की भूमिका चर्चा में रही। आलोचक इसे “सांस्कृतिक राष्ट्रवाद” को थोपने वाला संगठन मानते हैं, जबकि समर्थक इसे राष्ट्रहित का रक्षक बताते हैं।
बीजेपी से लिंक:
एबीवीपी के प्रवक्ता इस बात पर जोर देते हैं कि एबीवीपी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से संबद्ध नहीं है। वे इसे आरएसएस की “छात्र शाखा” बताते हैं। हालांकि, बीजेपी और एबीवीपी दोनों ही संघ परिवार के सदस्य हैं, जो आरएसएस के “(संबद्ध) संगठनों का परिवार” है।
कहा जाता है कि एबीवीपी के समर्थन आधार से बीजेपी को काफ़ी फ़ायदा मिलता है और मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत बीजेपी के कई राजनेताओं की वैचारिक नींव एबीवीपी में ही रही है। कई विद्वान आरएसएस और बीजेपी के बीच कोई अंतर नहीं करते हैं और एबीवीपी को दोनों या उनमें से किसी एक की छात्र शाखा मानते हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राम मंदिर समर्थक:
शिक्षा राष्ट्रवाद और राष्ट्र सुरक्षा की बात करने वाली संस्था अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जब राम मंदिर आंदोलन शुरू हुआ, तो इसके पक्ष में मोमेंटम बनाने में एबीवीपी ने अहम भूमिका निभाई, मंडल कमीशन की सिफारिशों के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सड़क पर उतर विरोध जताया था. हालांकि एबीवीपी से जुड़े कुछ लोग इन बातों को खारिज करते हैं और कहते हैं कि एबीवीपी ने आरक्षण का समर्थन किया था.
कश्मीरी पंडितों के पलायन पर भी एबीवीपी ने स्टैंड लिया था. जब बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी ने श्रीनगर के लाल चौक पर झंडा फहराने की बात कही, तो एबीवीपी ने बढ़-चढ़कर इस आंदोलन में हिस्सा लिया था.
परदे के पीछे की कहानी:
यह बात ठीक है किABVP भारतीय छात्र राजनीति में एक शक्तिशाली धड़ा है, जो उसके अनुसार राष्ट्रवाद और छात्र अधिकारों के बीच संतुलन बनाने का दावा करता है। लेकिन इसके बावजूद इसकी विवादास्पद गतिविधियाँ शैक्षणिक स्वतंत्रता और बहुलवाद पर सवाल खड़े करती हैं।
विश्लेषण के आधार पे यह कहा जा सकता है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भले ही खुद को राष्ट्र निर्माणकर्ता के रूप में पेश करता है लेकिन यह तमाम दावे हाथी के दिखावे वाले दांतों के समान है जबकि हकीकत इस के विपरीत है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हर उस कम का विरोध करता है जो संघ और बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ होता है और इसकी यही विचारधार बीजेपी से इसके लिंक को साबित करने के लिए काफी है।
देश के मुस्लिम और दूसरे अल्पसंख्यकों के प्रति अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मानसिकता नकारात्मक है। भारत के शिक्षण संस्थानों में इस्लामोफूबिया को चरम पहुँचाने का कृत्य ABVP ने ही अंजाम दिया है।
हिन्दू राष्ट्र का समर्थक है
शिक्षण संस्थानों में मुस्लिम लड़कियों की हिजाब का विरोध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता ही करते हैं। देश स्कूल कालिजों में धर्म के नाम पर आज जो कुछ हो रहा है उन सब में ABVP कार्यकर्ताओं का बड़ा रोल रहा है। ABVP हिन्दू राष्ट्र का भी बड़ा पक्षधर माना जाता है, मुस्लिमों के प्रति स्कूल कालिजों में नफरत का मुख्य कारण ABVP की विचारधारा मुख्य कारण रही है।